बढ़ते अवैध निर्माणों पर कार्रवाई को लेकर मनपा का “एफ” विभाग असफल
गुंडों के संरक्षण में बन रहा दबंग ठेकेदार हरिश्वर पाटिल का अवैध निर्माण
आसिफ अंसारी
महाराष्ट्र/ पालघर- वसई विरार शहर महानगरपालिका अवैध निर्माणों के मामले में दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की कर भ्रष्टाचार की सुर्खियां बटोरने में लगा है! उसके कार्य क्षेत्र में एक के बाद एक श्रंखला बंद्ध अवैध निर्माणों का ग्राफ बड़ी ही तेजी से बढ़ रहा है! वहीं पर स्थानीय भूमाफिया और ठेकेदारों द्वारा सुनियोजित तरीके से वविश. महानगरपालिका के अंतर्गत उसके क्षेत्रीय इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है और इस तरह कुल मिलाकर वविश. महानगरपालिका अवैध निर्माणों के गिरफ्त में आ चुका है! वहीं वविश. महानगरपालिका भी क्षेत्रीय इलाकों में बढ़ते अवैध निर्माणों पर रोक लगाने एवं कार्रवाई को लेकर असफल साबित हो रही है!
एक ऐसे ही अवैध निर्माण का मामला प्रकाश में आया है! जहां पर वसई विरार शहर महानगरपालिका कार्रवाई को लेकर लाचार और बेबस नजर आ रही है! हालांकि अपनी इस असफलता को लेकर स्थानीय जनता के बीच भी मजाक का पात्र बन चुकी है! बताया जाता है, कि जिला पालघर विरार (पूर्व) स्थित वसई-विरार शहर महानगरपालिका के क्षेत्र में स्थानीय दबंग ठेकेदार हरिश्वर पाटिल के द्वारा “एफ” विभाग के कार्यालयानुसार पक्के बांधकाम की स्वीकृति न लेकर, विरार हाइवे स्थित कनेर फाटा पुलिस चौकी के पीछे, भूखल गांव शमशान के बाजू में 4000 (चार हजार) वर्ग फीट के खाली भूखंड (ओपन प्लॉट) पर गोडाउन का बांधकाम जमीनी सतह से किया जा रहा है!
अब ऐसे में स्थानीय ठेकेदार हरिश्वर पाटिल ने अपने काम को अंजाम देने के लिए 6 महिला और 12 से 15 गुंडों को साईट पर बैठाया है! ताकि उसके द्वारा किए जा रहे अवैध बांधकाम पर किसी पत्रकार या शिकायतकर्ता के माध्यम से फोटो ना खींची जाए तथा महानगर पालिका में उक्त मामले से संबंधित कोई शिकायत न हो सके या, ऐसा भी हो सकता है, कि वविश. महानगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारी कार्यवाही हेतु आए तो दबंग ठेकेदार हरीश्वर पाटिल के गुर्गे उन पर हमला करने से भी न चूके! यदि ऐसा है तो वविश. महानगरपालिका के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण विषय है!
पुलिस चौकी के पीछे दबंग ठेकेदार हरिश्वर पाटिल के द्वारा बांधकाम की साइट पर बैठाए गए महिला और गुंडों से पुलिस पूछताछ कर जांच पड़ताल करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है! बांधकाम कि साइट पर एक साथ इतने लोगों का यहां इकट्ठा होकर बैठना वह भी लॉकडाउन के दौरान पुलिस की नजर में यह उचित है या फिर पुलिस की मिलीभगत से दबंग ठेकेदार हरिश्वर पाटिल अपने अवैध निर्माण को अंजाम दे रहा है, या फिर पुलिस किसी अप्रिय घटना घटित होने का इंतजार कर रही है! ऐसे कई सवाल स्थानीय जनता के बीच यक्ष प्रश्न की तरह मुंह बाए खड़ा है!
जाहिर सी बात है, कि दबंग ठेकेदार हरिश्वर पाटिल के द्वारा निर्माण किए गए हालातों को लेकर स्थानीय जनता भी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है! बड़े आश्चर्य की बात है, कि अवैध निर्माण करने के लिए भी गुंडों का सहारा लेना पड़ रहा है जो यह वविश महानगर पालिका और पुलिस महकमे के लिए एक सोचने का विषय है!
अब सवाल यह उठता है, कि यदि इस तरह महिला और गुंडों के सहारे हरिश्वर पाटिल जैसे दबंग ठेकेदार अवैध निर्माण करने लगे तो महानगरपालिका स्थित अतिक्रमण विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती भी कोई मायने नहीं रखती जो बढ़ते अवैध निर्माणों पर अंकुश लगा पाने में असफल साबित हो! आखिर किस कार्य का वेतन लेते हैं अतिक्रमण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ? क्या इसका जवाब वविश महानगर पालिका आयुक्त के पास है?
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