इस्माइल शेख
मुंबई- कोरोना काल से जूझ रहे राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य में ईद की खुशियों पर नियमावली ज़ाहिर करते हुए मुस्लिम समाज को आने वाले 1 अगस्त की ईद उल-अज़हा यानी बकरा ईद की बधाई दी है! वहीं उद्धव सरकार के राज्य में पुलिस प्रशासन कुर्बानी के लिए लाए जा रहे बकरों को रोक कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है!
मुंबई में कुर्बानी के लिए दूसरे राज्यों से लाए जा रहे बकरों से भरे गाड़ियों को परवाना के अभाव में दहिसर और मुलूंड चेक नाकों पर रोका जा रहा है! इस घटना से मुस्लिम समाज की ओर से नाराज़गी व्यक्त की जा रही है! अगले दो दिनों बाद ईद है और ऐसे में सरकारी प्रशासन के रवैयों से मुस्लिम समाज सरकार को इसमें दखल देने की मांग कर रहा है! मोबीन कुरेशी और मुस्लिम कम्युनिटी ऑफ मुंबई की ओर से उप मुख्यमंत्री अजित पवार से कुर्बानी के लिए लाए गए बकरों की गाड़ियों को छोड़े जानी की मांग की है!
आप को बता दें की, पिछले साल तक, हर साल मुंबई में ईद उल-अज़हा पर देवनार में मंड़ी का इंतजाम किया जाता था, पर इस बार कोरोना काल के कारण सरकार ने बकरों और जानवरों की मंड़ी को अनुमति नहीं दी है! उद्धव सरकार ने कुर्बानी के लिए लोगों को ऑनलाइन खरीदी करने और नियमों का पालन करते हुए कुर्बानी करने की अनुमति दे दी है! जिसमें बकरा व्यापारियों को ऑनलाइन के जरिए ऑर्डर लेने और ग्राहक के घर तक बकरे पहुचाने के सुझाव भी दिए गए है!
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अब राज्य में हर साल की तरह बकरा मंड़ी तो नहीं लगा सकते पर बकरे बिकना तो है! इसलिए व्यापारियों ने दूसरे राज्यों से हमेशा की तरह बकरे मंगवाए, लेकिन महाराष्ट्र के बॉर्डर और मुलुंड़ तथा दहिसर चेक नाकों पर पुलिस प्रशासन द्वारा बकरों के सभी ट्रकों, टेम्पो और वाहनों को जप्त कर लिया है! ये सभी गाड़िया राज्य और शहरों में प्रवेश के लिए परवाने का इंतजार कर रहे हैं! मुस्लिम समाज सरकार से इन गाड़ियों को छोड़े जाने की मांग कर रहा है!
इसका विरोध इतना तीव्र होता जा रहा है, कि महाविकास अघाड़ी सरकार में मुख्य भूमिक निभा रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुंबई प्रदेश सचिव ताजुद्दीन इनामदार ने जानकारी देते हुए, चेतावनी के साथ बताया, कि “अगर शुक्रवार तक इन कुर्बानी के लिए लाए वाहनों को छोड़ा नहीं गया, तो मुंबई का सभी मुस्लिम समुदाय महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ अपनी नाराज़गी व्यक्त करेगा!”
आप को बता दें की, ईद उल-अज़हा यानी आम लफ्ज़ों में कहे जाने वाला बकरा ईद यह ऐसा धार्मिक त्योहार है जिसे राज्य ही नहीं पूरी दुनिया के मुस्लिम समुदाय अपनी पुराणतत्वों और संस्कृति को ध्यान में रखकर मुस्लिम समुदाय के मुखिया हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की कुर्बानी को याद कर मनाते है! इसके लिए हर साल बकरे और जानवर खरिदी और कुर्बानी में पूरी दुनिया में अरबों खरबों डॉलर का व्यापार होता है! इसमें कुर्बानी करने वालों से लेकर बकरे के लिए भूसा तैयार करने वाला तक को फायदा पहुंचता है!
यहीं फायदा राज्य, देश और विश्व में तेजी के साथ पैसों का आदान प्रदान कराता है! जो अगले साल तक इस चक्र को चलने में मदद मिलती है! इस साल की पिछली रमज़ान ईद भी लोगों नें घरों में रह कर ही बिताई, राज्य में मुस्लिम समुदाय ही नहीं सारे सांस्कृतिक एवं धार्मिक त्योहारों पर अंकुश लगा दी गई है! लोग को घरों में रहकर ही खुशियां मनाने का सरकार ने आदेश जारी कर पालन करने को बाध्य कर दिया है!
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