नितिन तोरस्कर
मुंबई- महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने शुक्रवार 19 जून को जाहिर करते हुए, विद्यालय अंतर्गत आने वाले अंतिम वर्ष, अंतिम सत्र की परिक्षा रद्द कर दी है! लेकिन जिन्हें परिक्षा देना हो वह विद्यालयों में लिखित जानकारी प्रदान करें! इसकी जानकारी देते हुए राज्य के उच्च तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत ने कहा, कि ‘ऐसी मांगों पर परिक्षा लेने के लिए कोविड-19 की परिस्थितियों का अंदाज़ा लेकर निर्णय लिया जा सकता है!’ उन्होंने यह भी कहा की सोशल मीडिया पर फेसबुक लाइव के जरिए उन्होंने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया था, जिसपर औपचारिक तौर पर शुक्रवार को सरकार की ओर से निर्णय जारी किया गया है!
गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई, राज्य आपत्ति व्यवस्थापन की बैठक में, कोविड-19 वायरस के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखकर, विद्यार्थियों के स्वास्थ्य सुरक्षा पर अंतिम वर्ष, अंतिम सत्र की परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया था! इसकी जानकारी देते हुए राज्य के उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय समंत ने बताया, कि ‘कुछ दिनों से विद्यार्थियों और परिजनों के मन में विद्यालयों की परीक्षा पर भ्रामिक स्थिति बन गई थी! जिसे दूर करने के लिये भी यह फैसला लिया गया है!’
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राज्य सरकार के फैसले पर खुलासा करते हुए, उच्च तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत ने बताया, कि ‘अंतिम वर्ष की परीक्षा देना है या नहीं इसपर विद्यार्थी खुद अपने विद्यालयों को लिखित सूचना प्रदान करें! परीक्षा रद्द किए जाने की वजह से जिन्हें परीक्षा देना नहीं है, उन्हें योग्य पदवी प्राप्त होगी और जिन्हें परीक्षा देना है उनके विषय में, कोविड-19 की परिस्थिति को ध्यान में रखकर परीक्षा के लिए बाद में निर्णय लिया जाएगा!’
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राज्य के उच्च तकनीकी शिक्षामंत्री उदय सामंत ने इसपर और अधिक जानकारी देते हुए बताया, कि ‘जो सभी सत्र के उत्तीर्ण विद्यार्थी अंतिम सत्र की परीक्षा देना नही चाहते हैं उनसे लिखत में लेकर विद्यालयों को पास करने को कहा गया है और जिन्हें परीक्षा देना है ऐसे विद्यार्थियों की लिखत सूचना पर विद्यालयों की ओर से कोविड-19 के बाद योग्य परिस्थिति निमार्ण होने पर परीक्षा की तैयारी करनी होगी!’
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इंजीनियरिंग, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, प्लानिंग, कंप्यूटर साइंस, लॉ, फिजिकल एजुकेशन, शिक्षाशास्त्र ऐसे व्यावसायिक शिक्षा के लिए छात्रों की परीक्षाओं के लिए एक समान निर्णय लिया गया है! उन्होंने यह भी कहा की, संबंधित कोर्स के लिए शीर्ष निकाय से अनुमति मांगी जाने वाली है! साथ ही उन्होंने यह भी बताया, कि ‘अगले चार दिनों में बैकलॉक और एटीकेटी एक्ज़ाम्स के बारे में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कुलगुरुओं से परामर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा! ऐसा कहते हुए राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीरता से सोचते हुए निर्णय लिया है!
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