- कांग्रेस को नहीं बुलाया, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग..
- शरद पवार पर उठे सवाल..
- भाजपा की क्या है रणनीति..
- केंद्र सरकार की महाराष्ट्र के विरोध में कूटनीति..
- महाराष्ट्र के साथ भाजपा का धोखा..
- प्रधानमंत्री का 20 लाख करोड़ आर्थिक पैकेज..
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का लाईव प्रसारण, मुंबई और औरंगाबाद के हालात गंभीर
नितिन तोरस्कर
मुंबई– दुनिया का हर देश इन दिनों कोरोना वायरस संकट से जूझ रहा है! भारत में इस खतरनाक वायरस को लेकर सबसे बुरी स्थिति महाराष्ट्र में बनी हुई है! इसी बीच महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है! एक ओर भाजपा नेता राज्यपाल से मुलाकात कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर एक गुप्त बैठक होने से मामला और गरमा गया है! इस बैठक के बाद से राज्य की सिसासती हलचल अचानक तेज हो गई है! और केंद्र सरकार महाराष्ट्र के विरोध में कूटनीति अपना कर मानवता को शर्मसार कर रही है!
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कांग्रेस को नही बुलाया, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग..
आप को बता दें, कि सोमवार को भाजपा नेता नारायण राणे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है! वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना नेता संजय राउत के बीच बैठक हुई! इस गुप्त बैठक में सिर्फ राष्ट्रवादी और शिवसेना के तीन ही सदस्यों के बीच बैठक हुई है! इस बैठक के बाद से चर्चाओं का बाजार गरमा गया है, कि क्या महाविकास अघाड़ी सरकार खतरे में है? इतना ही नहीं कहा ये भी जा रहा है कि महाराष्ट्र को लेकर केन्द्र कोई बड़ा फैसला लेने की योजना बना रही है! साथ ही इस बैठक में कांग्रेस को शामिल नही करना चर्चा का विषय बना हुआ है!
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शरद पवार पर उठे सवाल..
खबरों के मुताबिक, काफी समय के बाद शरद पवार मातोश्री पहुंचे थे! इन तीनों नेताओं के बीच काफी देर तक बैठक चली! इस बीच चर्चा हो रही है, कि राज्य में अघाड़ी सरकार खतरे में है! आपको और अधिक जानकारी देते चलें, कि इससे पहले शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी! इस मुलाकात को लेकर प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि बैठक में कोई राजनीति पर चर्चा नहीं हुई! लेकिन, विरोधी खेमे में कहा जा रहा है, कि अगर राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई तो अचानक राज्यपाल ने शरद पवार को क्यों बुलाया था?
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भाजपा की क्या है रणनीति..
दूसरी खबर में यह भी कहा जा रहा है, कि तकरीबन 20 दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील और गृहमंत्री अमित शाह के बीच एक अहम बैठक हुई थी! इस बैठक के बाद भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोलना शुरू कर दिया है! जिस तरह भाजपा नेता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर मौखिक एवं सोशल मीडिया के जरिए निशाना साध रहे हैं, इसके पीछे कोई बड़ी रणनीति है! क्योंकि, एक दिन पहले ही रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी उद्धव सरकार पर निशाना साधा था! चर्चा यहां तक है कि भाजपा महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन की तैयारी कर रही है! चाहे वह शिवसेना के साथ दोबारा सत्ता में वापसी करे या फिर शिवसेना के बगैर! लेकिन, अचानक जिस तरह से महाराष्ट्र में सियासती समीकरण बदलने की कोशिश की जा रही है! उससे साफ है, कि कोई न कोई खिचड़ी जरूर पक रही है!
महाराष्ट्र के किसानों को केंद्र का धोखा
केंद्र सरकार की महाराष्ट्र के विरोध में कूटनीति..
भाजपा तो पूरी कोशिश के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने में लगी है! इसके लिए केंद्र सरकार महाराष्ट्र पर कुट नीति अपनाई हुई है! लॉकडाउन के शुरुआत से ही राज्य सरकार अपने बकाए जीएसटी के पैसों की मांग कर रही है! इस पर केंद्र है कि बड़ी-बड़ी बयानबाजी के अलावा पैसा लौटाने को तैयार नही है! प्रवासी मजदूरों की घर वापसी पर केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला 86 प्रतिशत किराए की रकम देने को तैयार नही है! प्रवासी मजदूरों की घर वापसी पर किराए के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसे दिए जा रहे है! इसकी घोषणा राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता ने की थी!
महाराष्ट्र के साथ भाजपा का धोखा..
महाराष्ट्र के किसानों की पैदावार पर NAFED द्वारा खरीदी पर केंद्र सरकार ने इस संकटकालीन समय में कोटे को घटाकर अन्यायपूर्ण कार्य किया है! महाराष्ट्र के पिछले भाजपा सरकार में जो कोटा था उसे आपदा के समय घटने का क्या मकसद हो सकता है! पर महाराष्ट्र के भाजपा विधायक, सांसद और नगरसेवकों ने महाराष्ट्र सरकार को मदद करने के बजाय केंद्र की राहत कोष में पैसे देकर दोहरी रणनीति का सबूत पेश किया है! इन्हें महाराष्ट्र की जनता और यहां की समस्या से कोई लेना-देना नही है! इन्हें बस सरकार गिरकार सत्ता स्थापित करना है!
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प्रधानमंत्री का 20 लाख करोड़ आर्थिक पैकेज..
सालाना देश भर के किसानों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान नीधी’ के तहत दिए जाने वाली राशी को प्रधानमंत्री द्वारा आर्थिक मदद के तौर पर पेश किया गया! 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से रेगूलर दिए जाने वाली राशी को जोड़ना कहां का इंसाफ है! महाराष्ट्र का अर्थ चक्र थम चुका है! यहां कोरोना का कहर इस कदर टूट रहा है कि हर दिन संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 3 हजार के करीब पहुंच रही है! ऐसे समय में राजनीति में कूटनीति अपनाना मानवता के लिए घोर अपमान है!
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