नितिन तोरस्कर
मुंबई- कोरोना वायरस से निपटने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा लगाये गये, लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों द्वारा वापस नहीं बुलाये जाने संबंधी, शनिवार को महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने चिंता व्यक्त की है! थोराट ने केंद्र सरकार से स्पष्ट निर्देश की मांग करते हुए आरोप लगाया है, कि ‘कई राज्यों द्वारा प्रवासी मजदूरों के मामले में मनमाने ढंग से फैसले लेने से स्थिति और खराब हो गई है! सरकार इसपर सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दें!’
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उन्होंने दावा करते हुए कहा, कि ‘महाराष्ट्र सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों में वापस भेजने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन कई राज्य अपने लोगों को वापस बुलाने के इच्छुक नहीं है!’ थोराट ने मांग की है, कि केन्द्र को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और स्थिति बिगड़ने से पहले सभी राज्यों को स्पष्ट दिशा-निर्देश देनी चाहिए!
बालासाहेब थोराट ने जानकारी देते हुए बताया, कि ‘महाराष्ट्र में लगभग 10 लाख ऐसे प्रवासी मजदूर हैं जो अपने राज्य लौटना चाहते हैं! ऐसे मजदूरों को भेजने के लिए अब तक राज्य से 32 रेलगाड़ियां चलाई जा चुकी है! जब कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा अपने प्रवासी मजदूरों को वापस बुलाने के लिए तैयार नहीं हैं!
उत्तर प्रदेश पर जानकारी देते हुए बताया, कि ‘शुरूआत में उत्तर प्रदेश ने अपने राज्य के लोगों को वापस बुलाने से इनकार किया था, लेकिन अब उन्होंने अपने फैसले बदल दिए हैं, और महाराष्ट्र से वहां के लिए अब मजदूरों को भेजा जा रहा है!’ बिहार ने रोक लगा दी! उन्होंने यह भी बताया, कि ‘कुछ दिन पहले तक सहयोग कर रही बिहार सरकार ने अब प्रवासी श्रमिकों का प्रवेश रोक दिया है जबकि कांग्रेस इन श्रमिकों का यात्रा खर्च भी वहन करने को तैयार थी!’
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