प्याज की खरीददारी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से उपमुख्यमंत्री की मांग, केंद्र मंत्री रामविलास पासवान को लिखा पत्र

  • होने वाले नुकसान से अवगत कराया..
  • किसानों के साथ हो सकता है अन्याय..
  • केंद्र की दोहरी रणनीति पर याद दिलाया..
  • पत्र में परिस्थिति को भी साफ दर्शाया..

म्युनिसिपल मजदूर यूनियन का मनपा कर्मचारियों को सरकारी फरमान के मुताबिक 50 प्रतिशत उपस्थिति की मांग!

नितिन तोरस्कर
मुंबई
– बुधवार को महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों एवं किसान तथा ग्राहकों के हितों पर ध्यान देते हुए, केंद्र सरकार से इसकी खरीदी को और ज्यादा करने की मांग की है! केंद्र सरकार द्वारा प्याज की खरीदारी के लिए NAFED को 40 हजार मीट्रिक टन की सीमा बताई गई है जब की इसे और बढ़ाए जाने के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को पत्र लिखकर मांग की है! पत्र में उन्होंने खरीदी सीमा को और ज्यादा बढ़ाकर 50 हजार मीट्रिक टन करने की मांग की है!

Advertisements

‘लॉकडाउन’ के तीसरे चरण में सरकार ने दी ढ़ील, कोरोना के प्रकोप से लोगों को बचाना हुआ मुश्किल – रायगढ़ की घटना

होने वाले नुकसान से अवगत कराया..
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान को इस संबंध में पत्र लिखकर, महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों से जुड़े किसानों और उपभोक्ताओं के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया गया है! उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रामविलास पासवान को लिखे पत्र में कहा, कि ‘महाराष्ट्र में इस साल प्याज की अच्छी पैदावार हुई है! किसानों द्वारा कृषि उपज बाजार में इस वर्ष व्यापक रूप से प्याज उपलब्ध है! ‘कोरोना’ वायरस के संकटकालीन ‘लॉकडाउन’ की वजह से इसके बाजार मुल्यांकन में उछाल नही हो पाया है! अनुकूल वातावरण के कारण, रबी के सीजन में भी प्याज का उत्पादन बढ़ने वाला है! इससे बाजार में आने के बाद प्याज की कीमतें गिरेंगी और किसानों को नुकसान होगा!’ इसकी आशंका जताते हुए, आगे उन्होंने लिखा, कि ‘अगर कृषि बाजार में प्याज की कीमतें प्रति किलो 8-10 रुपये से कम हुई, तो इससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है! इसे टालने की जरुरत है!’

राज्य में नई योजनाओं पर लगी रोक, कोरोना से उभारने के लिए उद्धव सरकार का बड़ा फैसला

किसानों के साथ हो सकता है अन्याय..
केंद्र सरकार द्वारा NAFED के माध्यम से प्याज की खरीदी के फैसले का स्वागत करते हुए, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पत्र में लिखा, कि ‘केंद्र ने इस साल पिछले साल की 45 हजार मीट्रिक टन की सीमा को घटाकर 40 हजार मीट्रिक टन कर दिया है, जो राज्य के किसानों के साथ अन्याय है!’ इसके साथ ही केंद्र से उन्होंने इसकी सीमा को बढ़ाते हुए इसकी मर्यादा 50 हजार मेट्रीक टन करने की मांग की है!

उद्धव ठाकरे ने प्रशासन को दिए सख्ती के आदेश, राज्य को मई के अंत तक ग्रीन ज़ोन में लाना है

केंद्र की दोहरी राजनीति पर याद दिलाया..
आप को बता दें, कि महाराष्ट्र में पिछली भाजपा सरकार को केंद्र ने इससे ज्यादा का फायदा पहुंचाया था, जो बाद में संकट कालीन समय में महाराष्ट्र की फडन्विस सरकार को इसका फायदा पहुंचा था! उसका हवाला देते हुए उद्धव सरकार के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पत्र में याद दिलाते हुए लिखा, कि ‘पिछले साल, केंद्रीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने ‘प्राईस्‌ स्टॅबिलायझेशन फंड’ योजना के तहत NAFED के माध्यम से महाराष्ट्र से 45 हजार मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी! उस बफर स्टॉक की वजह से ग्राहकों को नवंबर और दिसंबर के महीनों में सरकार सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराने में सक्षम रही!’

भाजपा नगरसेवक कमलेश यादव के कार्यालय पर फार्म लेने के लिए उमड़ा जनसैलाब, यूपी- बिहार जाने की तैयारी

पत्र में परिस्थिति को भी साफ दर्शाया..
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस साल की पैदावार पर रौशनी डालते हुए, किसानों और फसल को लेकर पत्र के माध्यम से केंद्र को पूरी जानकारी देने की कोशिश की है! ‘लॉकडाउन’ की बजह से हो चुके और होने वाले नुकसान से भी केंद्र को अवगत कराया है! उन्होंने केंद्र को लिखे पत्र में लिखा, कि ‘पिछली खरीदारी के आधार पर, राज्य में हुए प्याज की ज्याद उत्पादन, बाजार में प्याज की आवक में वृद्धि, कोरोना के बंदी के कारण इसके मुल्यांकन में उछाल नहीं आने को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार को इस साल NAFED के माध्यम से प्याज की खरीदी के लिए 40 हजार मीट्रिक टन के बजाय इसकी सीमा को बढ़ाकर 50 हजार मीट्रिक टन कर देना चाहिए, इससे महाराष्ट्र के किसानों और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी!’

राज्यपाल ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, उद्धव ठाकरे को मिली राहत


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading