पालघर साधुओं की निर्मम हत्या मामले में जिले के एसपी गौरव सिंह को मिली छुट्टी

  • ‘लॉकडाउन’ के बीच कैसे हुई इतनी बड़ी घटना..
  • घटना से तीन दिन पहले भी हुआ था हमला..
  • लोगों ने किया विडियो वायरल और कार्रवाई की मांग..

नितिन तोरस्कर
मुंबई-
पालघर साधुओं की निर्मम हत्या मामले में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को घटना स्थल का दौरा किया! यहां पुलिस प्रशासन के साथ विधायक, सांसद और नगर एवं ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधी से बातचीत के बाद जिले के एसपी गौरव सिंह को उनके कर्तव्य से छुट्टी देने का फैसला किया गया है! साथ ही यहां की जिम्मेदारी अडिश्नल एसपी पालघर को सौंपी गई है! आप को बता दें, कि पिछले महीने ‘लॉकडाउन’ के बीच पालघर जिले के चरोती गांव में भीड़ ने दो साधुओं सहित तीन लोगों को लुटैरे समझ कर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी! इस घटना की वायरल वीडियो सामने आने के बाद देखा गया कि, पुलिस घटना के समय खुद को असहाय महसूस कर रही थी!

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जूना अखाड़े के दो साधुओं की हत्या पर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सुरक्षा को लेकर सरकार पर हमला बोल दिया था! वहीं अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्र नंद सरस्वती ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही थी! साथ ही महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था पर सवाल करते हुए, आंदोलन की चेतावनी दी जा रही थी!

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‘लॉकडाउन’ के बीच कैसे हुई इतनी बड़ी घटना..
सुरत में किसी साधु की मौत की खबर सुनकर संत कल्पवृक्ष गिरी और सुशील गिरी सुरत के लिए रवाना हुए थे, मुंबई अहमदाबाद हाईवे पर जगह-जगह नाकाबंदी से बचने के लिए ये लोग जंगल के रास्ते निकल रहे थे! जिससे पुलिस की पूछताछ से बचा जा सके! जब यह लोग चरोती के पास पहुंचे, वहां एक भीड़ की शक्ल में लोग मौजूद थे जीन लोगों ने गाड़ी पर हमला बोल दिया और गाड़ी पलट दी, मौके पर पुलिस पहुंची घायलों को गाड़ी से बाहर निकालकर कासा पुलिस स्टेशन ले जाने लगी, तो भीड़ ने फिर से, दुबारा हमला बोल दिया और इन्हें लाठी ठंडों से पीटने लगे, मौके से पुलिस खुद को बचाते हुए वहां से हट गई, और भीड़ ने उन तीनों को पीट-पीट कर उनकी जान ले ली!

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घटना से तीन दिन पहले भी हुआ था हमला..
इसके पहले भी डॉकटर वळवी की गाड़ी पर हमला हो चुका था, जो यहां के इलाके में जरुरत मंद लोगों को खाना पहुंचाने गये थे, घटना से तीन दिन पहले खाना बांटकर शाम 6 के आस-पास लौट रहे डॉक्टर वळवी की गाड़ी पर भी लोगों ने चोर समझ कर हमला कर दिया था, हालांकि, कासा पुलिस ने उन्हें बचा लिया! दूसरी घटना देर रात जंगल से गुज़र रहे इन साधुओं पर हुआ! पर पुलिस इन्हें बचाने में नाकाम रही! डॉक्टर वळवी के मामले में 13 आदिवासियों को गिरफ्तार किया गया था! जब कि साधुओं की मौत के सिलसिले में कुल 115 आदिवासियों की गिरफ्तारी हुई है!

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यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुआ था! इस घटना की कुछ लोगों ने विडियो भी बनाया! जिसे सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब देखा! आरोपियों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया था! हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया!

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लोगों ने किया विडियो वायरल और कार्रवाई की मांग..
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला! निर्मम हत्या का विडियो वायरल कर लोग दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे! भाजपा नेताओं समेत तमाम साधु- संतों ने महाराष्ट्र सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की! उद्धव सरकार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही के आदेश जारी किये थे, जिसके बाद पालघर के कासा पुलिस थाने में 115 लोगों को गिरफ्तार कर मामले की सीबीआई जांच हो रही है! देशमुख ने गुरुवार को कासा पुलिस थाने के चरोती गांव का दौरा किया, जहां 16 अप्रैल की रात की घटना हुई थी! उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करते हुए, गृह मंत्री ने कहा, कि यह घटना मानवता पर कलंक है! मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस की अपराध शाख (सीआईडी) कर रही है, 115 लोगों को गिरफ्तार किया है! घटना और लोगों में अफवाह तथा हिंसक वातावरण पर एसपी को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें उनके कर्तव्यों से अनिवार्य अवकाश पर भेजने का फैसला किया गया है! साथ ही जिले की जिम्मेदारी ऐडिशनल एसपी को सौंपी गई है!

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