सुभाष कोटियन
मुंबई– भारत का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यहां नख-शिख तक व्याप्त नौकरशाही रही है! इसी महकमें को येनकेन-प्रकारेण अपने हाथ में लेकर अंग्रेज वर्षों से भारत पर हुकूमत करते रहे! उसी परिपाटी को आजादी के बाद अंग्रेज परस्त राजनीतिक दलों ने कायम रखकर 4 दशकों तक देश को लूटा और अब अघाड़ी सरकार भी नौकरशाही की हिमायत कर सर्वसामान्य का शोषण कर रही है! राज्य की उद्धव सरकार के आने से मनपा, महसूल एवं पुलिस विभाग में कार्यरत नौकरशाह पूरी तरह निरंकुश हो गए हैं! मनपा पी/उत्तर विभाग के नौकरशाहों की रिश्वतखोरी इसका एक उदाहरण मानी जा रही है!
उपलब्ध विवरणों के अनुसार बृहन्मुंबई महानगर पालिका पी/उत्तर विभाग के कार्य क्षेत्र मलाड (पूर्व) के वैभव शॉपिंग सेंटर के सामने, वार्ड क्रमांक 41 जनरल ए.के. वैद्य मार्ग पर स्थित 60 हजार वर्ग फिट के रिक्त भूखंड पर मनपा अधिकारी अतिरिक्त आय की लालच में 80 रुम (निवासी) घरों का अवैध निर्माण धड़ल्ले से कर रहे हैं! जिसमें से 25 रुम पतरे के बनाकर बेच दिए गए हैं! शेष पतरे के रुम (निवासी) घरों का अवैध निर्माण जारी है!
इसकी कई शिकायतें की गई है, किंतु मोटी खाल के मनपा पी/उत्तर विभाग के अधिकारियों पर शिकायतों का कोई असर नहीं देखा जा रहा है! मनपा पी/उत्तर विभाग के अधिकारियों ने अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए तथाकथित भू-माफियाओं के माध्यम से पैसा लगाकर, उपरोक्त अवैध निर्माण करवा रहे हैं! यही कारण है, कि यदि वे उच्च अधिकारियों के आदेश के दबाव में उक्त अवैध निर्माण पर तोड़क कार्रवाई करते हैं तो नुकसान उन्हीं अधिकारियों का होने वाला है!
मनपा पी/उत्तर विभाग के सहायक अभियंता दत्तात्रय भोये के मुताबिक भू-माफियाओं का पैसा उक्त अवैध निर्माण में लगा होता, तो कार्यवाही का दिखावा अवश्य किया जाता! जबकि मनपा के अधिकारियों का पैसा लगा है, तो वे अपने हाथ-पांव पर कुल्हाड़ी क्यों मारेंगे? यानी कि असली भू-माफिया अवैध निर्माणकर्ता मनपा अधिकारी ही है! फिर तो शिकायतकर्ता थक जाएंगे मगर कार्रवाई नहीं होने वाली है और अब अघाड़ी सरकार राज्य के घोटालेबाज रिश्वतखोर अधिकारियों, भू-माफियाओं व अवैध निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई ना करके परोक्ष रूप से उन्हें प्रश्रय देने का कार्य करती दिखती है!
Mumbai BMC: पी/नार्थ वार्ड के सहाय्यक अभियंता दत्तात्रय भोये के सफेद झूठ का पर्दाफ़ाश!!
अघाड़ी सरकार की मौन स्वीकृति से भ्रष्ट अधिकारी करते हैं अपने काले धन को सफेद करने की साजिश! अवैध बांधकाम के जरिए करते हैं सरकारी जमीन पर कब्जा और करते हैं मोटी कमाई, यदी सरकार नही लेती रिश्वत तो भ्रष्ट अधिकारियों को टर्मिनेट क्यों नहीं करती? उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई क्यों नहीं करती, जो बार-बार शिकायत मिलने पर नहीं करते तोड़क कार्रवाई?
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हम आशा करते हैं, कि अाघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी स्वयं उपरोक्त भ्रष्टाचार का स्वयं संज्ञान लेकर भ्रष्ट अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट कर भ्रष्ट एवं कर्तव्य पालन न करने वाले अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार करके जेल भेजें और उनको कठोरतम दंड दिलाए ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे अन्यथ: समझा जाएगा कि आघाड़ी सरकार भी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई जनता के साथ विश्वासघात कर रही है!
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