भारत 1947 से आज तक कट्टरपंथी विचारों को भोग रहा है। देखिये – भारत-पाकिस्तान, रूस-यूक्रेन, इजराइल-फिलिस्तीन-गांजा और अब बांग्लादेश में कट्टरपंथी जो आतंकवादी हैं।
बांग्लादेश का आपस में मरना मारने की शुरुआत हों गई हैं।
The world History (संपादकीय)
भारत- सोचने समझने की बात है। कट्टरपंथी सोच क्या है? कट्टरपंथी कोई समाज या कोई धर्म नहीं है। कट्टरपंथी कोई भी हों सकता है जैसे देखा जाए, तो दुनिया में 197 देश हैं सभी देशों में अलग-अलग भाषा, अलग-अलग धर्म के नाम पर लोज जाने जाते हैं और पहचाने जाते हैं। 197 देश में लगभग 5600 से अधिक भाषाएं है और अनेक छोटे-बड़े संख्या के रूप में धर्म के आधार पर लोग अपने जीवन जीते हैं। धर्म क्या है? कैसा है? अपने-अपने स्थान पर स्थित है। धर्म के चलने वाले धर्म गुरु कैसे होनें चाहिए? किन सोच विचार से बने हुए धर्मगुरु हैं? उसी प्रकार से उनको मानने वाले को चाहने वाले उनके शिष्य इस प्रकार से ढल जाते हैं।
बांग्लादेश और पाकिस्तान का कट्टरपंथी सोच क्या है?
बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों दक्षिण एशियाई मुस्लिम बहुल देश हैं। भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद, दोनों देशों ने 24 वर्षों तक एक ही राज्य का गठन किया। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान का पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ बांग्लादेश के रूप में अलगाव हुआ। भारत देश से 1947 में पाकिस्तान बना 1971 में बांग्लादेश बना। धर्म के आधार पर दो देश बनाने के उद्देश्य से पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश का गठन हुआ। जबकि धर्म की मानवता एक होनी चाहिए। दुनिया में मनुष्य का एक ही माता – पिता से सभी संसार के मानवों का जन्म हुआ है।
धर्म गुरु किस प्रकार होनें चाहिए?
दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है,
यहूदी धर्म, पारसी धर्म, जैन पंथ, बुद्ध पंथ ईसाई धर्म, इस्लाम धर्म, सिख पंथ, इसी प्रकार से दुनिया में ईश्वर परमात्मा भगवान धर्म गुरु को मान कर लोग अपने जीवन जीते हैं। धर्मगुरु का कार्य क्या है? धर्म गुरु को कैसा होना चाहिए? किसी भी धर्म में कोई भी व्यक्ति बड़ा हो या कट्टरपंथी हो उसे एक व्यक्ति या अनेक व्यक्तियों के कारण उसे धर्म पर लोग उंगली उठने लगते हैं। धर्म के लोग उन अधर्मियों के प्रति उंगली नहीं उठाते। क्योंकि अधर्मियों द्वारा कट्टरपंथियों के द्वारा अनेक धर्म को नुकसान पहुंचाना उन लोगों के लिए प्रेरणा दायक हो जाते हैं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश में क्या कट्टरपंथियों के कारण आम जनता दुखी है?
पाकिस्तान हो या बांग्लादेश या भारत जैसा दुनिया का एशियाई देश, कृषि देश, वैधकीय देश, शिक्षा से संबंधित देश सदियों से जाना जाता और माना जाता रहा है। मगर भारत देश में शिक्षित लोग भी अशिक्षित बन बैठे हैं। जिस देश में शिक्षा होता है वहां मानवता जाति धर्म से बढ़कर एक सच्चा इंसान का देश कहा जाता है। कुछ अनपढ़, गवार, नशेड़ी, चरसूल्ले, चिलम बाज जैसे लोगों को भाड़े के ट्ट्टू जैसे नेताओं, उसकी अनपढ़ गवारों को अपराधी बनाने में पीछे नहीं हटते। यही कारण है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान का आज जो अनपढ़ गवार के रूप में कट्टरपंथी बन बैठे हैं।
इस धर्म के लोग शर्मिंदा है दुखी हैं। इसका कारण दो कौड़ी के कट्टरपंथियों की देन हैं। इसी कट्टरपंथियों के कारण चाहे बांगलादेशी चाहे पाकिस्तानी जो अच्छे पढ़े-लिखे लोग हैं स्वयं से दुखी है और शर्मिंदा भी हैं।
जैसे नेहरू और जिन्ना, वैसे इंदिरा और फिरोज गांधी, शेख मुजीबर रहमान..
सनातन भारत के इतिहास दुनिया के पन्नों में आज भी दर्ज है। 1945 के बाद 1947 तक नेहरू और जिन्ना दोनों मिलकर एक प्लान बनाया। दो देश बना दो प्रधानमंत्री बनो और धर्म के नाम पर हिंदू और मुसलमान को लड़ा दो। 1947 में शुरुआती दौर से लेकर अगस्त महीने तक हिंदू मुस्लिम में इन दोनों नेताओं के खेल-खेलकर लाखों हिंदू मुसलमान आपस में मर कट रहे थे। नेहरू और जिन्ना तमाशा देख रहे थे। इसका कारण है, कि दो प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा हो रहा था।
वैसे ही 1971 से लेकर 1972 तक नेहरू की बेटी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनकी बहुत करीबी शेख मुजीबुर रहमान, दोनों मिलकर भारत और बांग्लादेश बनाने में जुड़े हुए थे। भारत का राज्य बंगाल में कुछ कट्टरपंथी मुसलमान को उकसाया गया जिससे दंगा फसाद करते रहे। हजारों लाखों की संख्या में हिंदू मुसलमान मरते रहे। इंदिरा गांधी और शेख रहमान बैठकर तमाशा देखते रहे। सपना यह था वह प्रधानमंत्री थी। शेख हसीना के पिता शेख मुजीबर रहमान को भारत के कई राज्य के टुकड़े करके उन्हें राष्ट्रपति बनने का सपना पूरा किया जा रहा था। नेहरू ने जो कार्य किया वहीं उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने भी किया। हजारों लाखों की संख्या में महिला, बच्चे, जवान, बुजुर्ग मारे गए, काटे गए। धन दौलत संपत्ति जलाए गए। नुकसान आम जनता का हुआ फायदा इन दोनों नेताओं को होता रहा।
किसी भी देश में मंत्री, नेता और उनका परिवार क्यों नहीं मरते?
आम जनता जिस दिन यूरोप जैसे देश या विदेशियों की तरह शिक्षित और ज्ञानी बुद्धिमान बन जाएंगे। भाड़े के टट्टू की तरह भारत देश में या पाकिस्तान, बांग्लादेश में अनपढ़, गवार, नशेड़ियों को नेता के नाम पर कट्टरपंथी सोच बनाने वाले नेताओं ने खूब फायदा उठाते हैं।
देश की जनसंख्या बढ़ाते हुए बेरोजगारी और धर्म के नाम पर अधर्मी लोगों ने अनपढ़, गवारों को अपराधी, आतंकवादी बनाने की कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। आज यही कारण है, कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की आम जनता को सोचने की बात है, कि नेता या मंत्री क्यों नहीं मरते और आम जनता ही क्यों मरती हैं। मगर यह नेतागिरी के कट्टरपंथी होते हैं। ऐसे पार्टी के नेता मंत्र फूंक दे और वहां पर दंगे फसाद होना शुरू हो जाता है। मरता कौन है? जैसे आम इंसान मरता है, महिलाएं मरती है, बच्चे मरते हैं, यहां तक कि जानवर भी मरते हैं। मगर कोई मंत्री, नेता और उसका परिवार नहीं मरता। क्योंकि वह देश-विदेश में मौज मस्ती में मस्त हैं और आम जनता भेड़ बकरी की तरह आपस में लड़ मर रहे हैं।
यह कमियां दूर करने के लिए धर्म के सत्य धर्म गुरुओं को उन व्यक्तियों को शिक्षा देने की जरुरत है। ज्ञान दे की आपस में न लड़ें। यह नेता अपने स्वार्थ के लिए देश के साथ भी गद्दारी कर देते हैं आम जनता के साथ क्या नहीं कर सकते हैं। इसलिए हर एक व्यक्ति को जागरूकता लाने की जरूरत है। किसी भी मनुष्य का जन्म हुआ तो उसकी मृत्यु भी होगी। मगर आपस में लड़ना एक दूसरे को मार-काट करके मारना ठीक नहीं है। यह मानवता का घोर हनन हैं। आज की दुनिया में अब मानव की मानवता खत्म होती जा रही हैं।
दुनिया के कट्टरपंथियों के साथ क्या करना चाहिए?
दुनिया में कोई जाती या धर्म नहीं होता। कट्टरपंथी एक गिरी हुई सोच है। आज भी जिससे सनातन धर्म हो इसाई धर्म हो इस्लाम धर्म हो पारसी धर्म हो, यह सभी धर्म आपस में भाईचारा के संबंध से बनाया गया है। अब कुछ-कुछ धर्म से निकलकर कट्टरपंथी विचारधारा बनाकर एक दूसरे पर हमला करना मार-काट करना, लूटपाट करना, एक व्यापार बन गया है। मगर सोचने वाली बात है, जहां लाखों करोड़ों की संख्या होती है। उस देश की, उस राज्य की सरकार क्या करती हैं? क्या सरकार चलने वाले चंद गुंडे और कट्टरपंथ्यों का खात्मा नहीं कर सकते हैं? यही दुनिया की राजनीति है लडो-लडाओ और सत्ता पर शासन करो। मरता कौन है बेगुनाह इंसान जानवर पंछी, इसकी जिम्मेदार कौन आम जनता या अशिक्षित शहर या देश। आज अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार बनाकर बेच रहा है। यह अभी तक व्यापार है। हथियार खरीदो, लड़ो, मरो। अगर देखा जाए तो शर्म की बात है। चंद कागज़ के टुकड़े के लिए इंसान इंसान के टुकड़े-टुकड़े किए जा रहे हैं। इंसान से ज्यादा दुनियाँ में कोई गिरा हुआ जानवर भी नहीं हैं।
आने वाले समय के लिए मानवता को जागाना होगा। मानव-मानव एक समान करना होगा। इसी में दुनिया की भलाई हैं।
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