रेलवे प्रशासन के भ्रष्टाचार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के इन सवालों को लेकर जीएम लालवानी का कोई व्यक्तव्य नही आता है।
वी बी माणिक
मुंबई– मध्यरेल के पूना और सोलापुर मंडल का चेकिंग स्टाफ वसूली पर अपनी जिंदगी बसर कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूना और सोलापुर के टिकट चेकिंग स्टाफ मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में बड़े पैमाने पर हफ्ता लेकर अवैध हॉकरों से मोटी रकम लेकर गाड़ियों में फालतू खाना, चाय, चिक्की, पानी, समोसा, वड़ापाव बिकवाते है। घटिया किस्म की सामग्री से परेशान यात्रियों के शिकायत के बावजूद इन पर कार्रवाई नही की जाती है। उल्टा यात्रियों को ही धमकाते है।

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ये टीसी नही गुंडे हैं। इस पर जीएम नरेश लालवानी का कोई व्यक्तव्य नही आता है। रेलवे स्टाफ फर्जी तरीके से यात्रा करता है। न तो उसके पास यात्रा करने की टिकट या पास कुछ नही होता हैं। यात्रियों को गाड़ी खाली रहने के बाद भी सीट नही मिलता है। रेलवे को लूटने का पूरा धंधा यही टीसी करते है। इनका इंचार्ज महीने का लाखो रुपये का टेंडर लेता है। जिसका हिस्से के तौर पर हफ्ता एसीएम और डीसीएम तक जाता है।
रेलवे प्रशासन के भ्रष्टाचार पर सवाल ?
सिर्फ पूना से सोलापूर के बीच यात्रा पर रेलवे प्रशासन के भ्रष्टाचार को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूना से सोलापुर के बीच अवैध रूप से 300 से 500 रुपये में ऐसी की सीटें बेचने का कारोबार करते है। प्रति ट्रिप में कितने अवैध यात्रियों से पैसे लिए जाते है? क्या करता है इनका विजिलेंस विभाग? कितनी कार्रवाई करता है ऐसे टीसीओ पर ? पूना और सोलापुर मंडल भ्रष्टाचार में अव्वल है इसका रिवार्ड जीएम कब घोषित करेंगे ?
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