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रूस का एक कवि, एक दिन अपने कमरे में बैठ कर कुछ लिख रहा था। वह बेहद अवसाद (परेशानी) में था। वह लिख रहा था, कि

पिछले वसंत के मौसम में उसके घुटने का ऑपरेशन हुआ।

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  • जब वह ऑपरेशन से घर आकर कुछ दिन आराम कर रहा था कि पता चला दूर शहर में छोटे भाई के साथ रहने वाली उसकी माँ कि मौत हो गई,
  • पिछले ही साल उसकी दूसरी बीवी ने उसे शादी के पाँच साल बाद तलाक देकर पीटसबर्ग के किसी लोहे के व्यापारी से शादी कर ली।
  • मेरी नौकरी को अभी तीन साल बचे थे लेकिन मेरी कंपनी ने मंदी के कारण हजारों की छंटनी कर दी।
  • मेरी एकलौती बेटी का कार एक्सिडेंट हुआ था जिसमें वह बच गई लेकिन कॉलेज की आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा नहीं दे पाई।

कवि ने नीली स्याही से बड़े बड़े अक्षरों में लिखा, पिछला साल शैतान का साल था बहुत बुरा गुजरा…

कवि की बेटी उसके कमरे में आई। उसने देखा पापा काफी परेशान और दुखी है। वह बिना कुछ बोले कवि की लिखी हुई बातें कुर्सी के पीछे से पढ़ ली। कवि को कुछ याद आनेपर कुछ देर के लिए वह डाक खाने चला गया और वापस आया तो देखा उसकी मेज पर एक और कागज रखा हुआ है।

इस कागज पर उसकी बेटी ने कुछ लिखा था :-

  • ईश्वर की बड़ी कृपा हुई कि मेरा घुटने का दर्द जाता रहा , अगर ऑपरेशन सही समय पर नहीं करता तो यह और बढ़ता जाता।
  • ईश्वर की बड़ी कृपा हुई कि माँ असाध्य रोग से तड़प रही थी उसे इससे मुक्ति मिल गई और ईश्वर ने उन्हें अपने दिव्य लोक में बुलवा लिया।
  • ईश्वर की बड़ी कृपा हुई कि उसकी दूसरी बीवी का चरित्र समय पर उजागर हो गया और वह बर्बाद होने से बच गया।
  • ईश्वर की बड़ी कृपा हुई कि मैं नौकरी से मुक्त हो गया अब मैं किसी प्रकाशन में अपने मन का काम कर सकता हूँ।
  • ईश्वर की बड़ी कृपा हुई कि मेरी एकलौती बेटी कार एक्सिडेंट में सही सलामत बच गई। उसे एक वर्ष और बढ़िया तैयारी करने का भी वक्त मिल गया।

कवि के बेटी ने ने नीली स्याही से बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था, पिछला साल भगवान का साल था बहुत अच्छा गुजरा।

इस कहानी में हमें सीखने के लिए क्या है :-

हर डार्क साइड का एक ब्राइट साइड भी होता है। इसलिए फोकस हमेशा ब्राइट साइड पर रखिए, जो बदलाव अभी बुरा लग रहा है उसमें भविष्य के अच्छे दिनों के बीज छुपे हो सकते है, जो हो चुका उसे नहीं बदला जा सकता इसलिए उसे खुले दिल से स्वीकार कर ईश्वर का प्रसाद समझ ग्रहण करें और आगे बढ़े, सकारात्मक नजरिया एक हैबिट है और यह हैबिट निरंतर पोसिटिव सोच से बनता है। इसलिए हर दिन हर घटना से कुछ पोसीटिव निकालने का प्रयास करें।


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