मुंबई में NCP की ताकत कितनी? अजित पवार के ‘227 सीटों’ वाले दावे पर उठे सवाल!

बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव से पहले अजित पवार ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) 227 सीटों पर लड़ेगी। लेकिन पार्टी की मुंबई में असली ताकत क्या है? पुराने कार्यकर्ता कह रहे हैं कि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जानिए पूरी कहानी मुंबई की आम भाषा में।

मंत्रालय प्रतिनिधि
मुंबई: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दावा किया है कि उनकी पार्टी “जरूरत पड़ी तो मुंबई की सभी 227 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।”
लेकिन सवाल ये है कि – क्या NCP के पास वाकई में इतनी ताकत है?
मुंबई के पुराने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि अजित पवार को मुंबई की असली ज़मीनी हालत की पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है, और अगर पार्टी अकेले मैदान में उतरी, तो मुश्किल से कुछ ही वार्ड में असर दिख पाएगा।

🏙️ मुंबई में NCP की असली हालत क्या है?

NCP की शुरुआत 1999 में हुई थी, जब शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर नया दल बनाया था। महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में पार्टी को कुछ सफलता जरूर मिली थी, लेकिन मुंबई में NCP कभी मजबूत नहीं रही
मुंबई में हमेशा शिवसेना, कांग्रेस और बीजेपी का दबदबा रहा है। NCP को यहां बहुत कम वार्ड में पकड़ मिल पाई।
आज की तारीख में NCP की सिर्फ एक MLA — सना मलिक — मुंबई से है।
यानी पार्टी की जड़ें मुंबई में अभी तक गहरी नहीं हैं।

Advertisements

💬 अजित पवार का दावा – “हम अकेले लड़ेंगे!”

अजित पवार ने हाल में कहा कि “अगर वक्त आया तो हम BMC की सभी 227 सीटों पर अकेले उतरेंगे।”
यह बयान सुनकर पार्टी के कुछ पुराने नेताओं ने कहा कि “अजितदादा को मुंबई के ग्राउंड रियलिटी की जानकारी नहीं है।”
उनका कहना है —

“मुंबई में हमारे पास ऐसा कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है जो 500 से 1000 वोट से ज़्यादा ला सके।”
असल में, पिछले कुछ सालों से पार्टी ने मुंबई पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया। शरद पवार और अजित पवार दोनों का फोकस ज़्यादातर पश्चिम महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा पर रहा।

⚖️ बीजेपी-शिवसेना-कांग्रेस का दबदबा

मुंबई का पॉलिटिकल माहौल काफी तगड़ा है।
यहां शिवसेना (उद्धव गट), बीजेपी और कांग्रेस – तीनों की पुरानी वोट बैंक हैं।
महायुती (बीजेपी-शिंदे गट) भी साथ में मिलकर चुनाव लड़ने की प्लानिंग कर रही है। ऐसे में NCP को अकेले लड़ना आसान नहीं है।
और ऊपर से, 2023 में NCP में जो बड़ी फूट हुई – यानी शरद पवार गट और अजित पवार गट – उसने पार्टी की ताकत और भी आधी कर दी।

🧩 संगठन की कमजोरी

मुंबई में पार्टी का संगठन कमजोर है।
कई पुराने पदाधिकारी अब एक्टिव नहीं हैं, और जो हैं, वो भी कहते हैं कि “नेताओं तक हमारी बात नहीं पहुँचती।”
पार्टी में युवाओं की कमी भी है।
यहां तक कि कई वार्ड में NCP के पास लोकल ऑफिस तक नहीं हैं।
अगर पार्टी को 227 सीटों पर उतरना है, तो पहले ज़रूरी है कि —

  • हर वार्ड में नया नेतृत्व तैयार किया जाए
  • लोकल मुद्दों पर कैंपेन किया जाए
  • युवाओं को पार्टी में शामिल किया जाए

🗳️ क्या NCP अकेले दम पर चुनाव जीत सकती है?

वर्तमान हालात देखें तो मुश्किल लगता है।
मुंबई की जनता स्थानीय चेहरों को जानती है, और यहां NCP के पास बड़े पॉपुलर चेहरे नहीं हैं।
अगर पार्टी अपने दम पर मैदान में उतरी तो ज्यादातर सीटों पर हार की संभावना है।
हालांकि, अजित पवार की कोशिश है कि पार्टी का ग्राफ बढ़े और मुंबई में फिर से नई ऊर्जा आए, लेकिन इसके लिए लंबी तैयारी और मजबूत ग्राउंडवर्क की ज़रूरत होगी।

‘अखंड शिवसेना’: बालासाहेब के करीबी सहयोगी ने उद्धव, राज, एकनाथ से हाथ मिलाने और गठबंधन बनाने का आग्रह किया।

🔍 आगे की रणनीति क्या हो सकती है

  • स्थानीय गठबंधन: NCP किसी छोटे लोकल ग्रुप या स्वतंत्र उम्मीदवारों से गठबंधन कर सकती है।
  • मुंबई फोकस कैंपेन: पार्टी को मुंबई के खास मुद्दों (ट्रैफिक, बाढ़, हाउसिंग, झोपड़पट्टी सुधार) पर फोकस करना होगा।
  • नया चेहरा: सना मलिक जैसी नेताओं को आगे लाकर, लोकल युवाओं को जोड़ना जरूरी है।
  • इमेज बिल्डिंग: अजित पवार को “दिल से मुंबई” वाली कैंपेन शुरू करनी चाहिए, ताकि जनता को लगे कि पार्टी अब गंभीर है।

अजित पवार का “227 सीटों पर लड़ने” वाला बयान सुनने में दमदार जरूर है, लेकिन हकीकत में NCP की मुंबई में स्थिति कमजोर है।
मुंबई में पार्टी का संगठन, चेहरा, नेटवर्क और ग्राउंड कनेक्शन अभी भी बहुत सीमित है।
अगर आने वाले महीनों में पार्टी ने मजबूत तैयारी नहीं की, तो ये बयान सिर्फ “राजनीतिक शोर” बनकर रह जाएगा।
मुंबई का वोटर अब समझदार है — और यहां सिर्फ बोलने से नहीं, मेहनत दिखाने से वोट मिलता है।


❓FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1: क्या NCP सच में मुंबई की सभी 227 सीटों पर चुनाव लड़ेगी?
A: अजित पवार ने ऐसा संकेत दिया है, लेकिन अभी पार्टी की तैयारी उस लेवल की नहीं दिख रही।

Q2: NCP की मुंबई में कितनी ताकत है?
A: अभी बहुत सीमित। एक MLA सना मलिक हैं, और संगठन ज्यादा एक्टिव नहीं है।

Q3: NCP को किन पार्टियों से मुकाबला करना होगा?
A: मुख्य रूप से शिवसेना (उद्धव और शिंदे गट), बीजेपी और कांग्रेस से।

Q4: क्या अजित पवार को मुंबई की जमीनी हकीकत पता है?
A: पार्टी के कुछ पुराने नेताओं का मानना है कि उन्हें सही रिपोर्ट नहीं दी जा रही, और ग्राउंड लेवल की स्थिति काफी कमजोर है।


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading