इस्माईल शेख
मुंबई- बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) का कोई भी वार्ड हो, यदि अवैध बांधकाम होता है तो क्षेत्र की पुलिस और क्षेत्र के अभियंता, मुकादम जैसे लोगों को जानकारी नहीं हो यह असंभव है। बिना मनपा पुलिस कांट्रेक्टर की मिलीभगत से कोई अवैध बांध काम हो पाना असम्भव है। यदि कोई अपने रूम का रिपेयर कराने लगे तो पुलिस और मनपा अधिकारी सूंघते हुए पहुंच जाते हैं। कहीं भी रेती ईंट रखी हो तो इन्हें दिखाई पड़ जाता है और पुलिस वर्दी का तो मनपा अधिकारी अपने पद और पावर की धमकी देकर पैसे वसूलने लगते हैं। तो फिर कैसे संभव है कि कोई बिना पुलिस और मनपा अधिकारियों के साथ मिलीभगत और रिश्वत दिए बिना गैरकानूनी ढंग से अवैध तरीके से व्यापारिक गालों का निर्माण हो जाए? ऐसे अवैध निर्माण एक ढूंढो तो सैकड़ों मिल जाएंगे।
Mumbai BMC R/South Ward
ताजा मामला चारकोप गांव, कांदिवली पश्चिम, मनपा वॉर्ड आर.साऊथ का है जहां सी.टी.एस. नंबर 4 के ओपन प्लाट पर चार बड़े-बड़े कोमार्शियल गालों का अवैध ढंग से बांधककम देखने को मिला है। जिसकी फोटो नहीं पूरी वीडियो खींच दी गई है। अब वार्ड ऑफिसर, अभियंता और मुकादम यह नहीं कह सकते कि उन्हें मालूम ही नहीं है। सच तो यह है कि इनकी मिलीभगत से ही ओपन प्लाट पर गैरकानूनी चार-चार व्यापारिक गालों का निर्माण बड़ी तेजी से हो रहा है। क्या आर/साऊथ वार्ड के जिम्मेदार बताने का कष्ट करेंगे कि उन्होंने चार गाले बनाने का कितना धन लिया है।
महाराष्ट्र सरकार और मनपा के अधिनियमों के अनुसार अगर कोई गैरकानूनी बांधकाम होता है तो उसकी जवाबदेही वार्ड के अधिकारियों की होती है। मगर तमाम शिकायतों और अखबारों में प्रकाशित खबरें होने के बावजूद कोई मनपा का बड़ा जिम्मेदार अधिकारी जांच कर कानूनी कार्रवाई नहीं करता। कारण है गैरकानूनी बांधकांम से जितना धन मिलता है वह बड़े साहेब लोगों में भी बांटा जाता है।ईमानदारी का ढोंग मत करें कोई मनपा अधिकारी। यदि बड़े अधिकारी भ्रष्ट नहीं हैं, तो मनपा के जवाबदेह अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई कर उन्हें जेल क्यों नहीं भेजा जाता?
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