ट्रैफिक पुलिस से बदसलूकी का मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार

अंधेरी में सीट बेल्ट चेक के दौरान ट्रैफिक कॉन्स्टेबल से गाली-गलौज और मारपीट के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी परिवार को राहत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा— FIR रद्द हुई तो पुलिस का मनोबल टूटेगा।

मुंबई: ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी और मारपीट के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अंधेरी के एक बुजुर्ग दंपति और उनके बेटे के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग को अदालत ने खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि मामले में सबूत मौजूद हैं और ऐसी स्थिति में केस रद्द करना पुलिस बल का मनोबल तोड़ने जैसा होगा।

⚖️ हाईकोर्ट का अहम फैसला

इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदीप डी. पाटिल की खंडपीठ ने की। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों का समर्थन करने वाले वीडियो सबूत और गवाहों के बयान मौजूद हैं। ऐसे में आरोपियों को ट्रायल का सामना करना ही होगा।

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अदालत ने टिप्पणी की कि
👉 “अगर ऐसे मामलों में FIR रद्द की गई, तो यह समाज और पुलिस व्यवस्था के लिए गलत संदेश होगा।”

🚦 कब और कहां हुआ था विवाद?

यह घटना 13 अगस्त 2024 को
📍 MHADA कॉलोनी जंक्शन, अंधेरी में हुई थी।

उस समय ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल

  • गणेश सोनावणे
  • भारत चौधरी

सीट बेल्ट चेकिंग की ड्यूटी पर तैनात थे।

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🚗 सीट बेल्ट न पहनने पर शुरू हुआ विवाद

कांस्टेबल सोनावणे ने देखा कि एक कार में आगे की सीट पर बैठी महिला ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी। उन्होंने गाड़ी रोककर ई-चालान काटने की प्रक्रिया शुरू की।

इसी दौरान पुलिस के अनुसार:

  • महिला और उसके पति ने गंदी गालियां देना शुरू कर दिया
  • ड्राइवर ने कांस्टेबल को जान से मारने की धमकी दी
  • महिला ने कथित तौर पर
    👉 कांस्टेबल को थप्पड़ मारा
    👉 सीने में मुक्का मारा

👨‍👩‍👦 कौन हैं आरोपी?

बाद में आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई:

  • कपिल भगवानप्रसाद आनंद (70)
  • साधना आनंद (60)
  • उनका बेटा अद्वैत आनंद (30)

तीनों लोकhandwala कॉम्प्लेक्स, अंधेरी के निवासी हैं।

📹 वीडियो बना मजबूत सबूत

पुलिस ने अदालत को बताया कि
👉 पूरी घटना कांस्टेबल भारत चौधरी ने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड की थी।
यह वीडियो चार्जशीट का हिस्सा है।

हाईकोर्ट ने वीडियो फुटेज और गवाहों के बयान देखने के बाद कहा कि
👉 “यह ऐसा मामला है जिसमें आरोपियों को ट्रायल कोर्ट में मुकदमे का सामना करना होगा।”

🛑 FIR रद्द करने की मांग खारिज

परिवार की ओर से दलील दी गई थी कि

  • उन्हें झूठा फंसाया गया है
  • ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं

लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि
👉 सबूत साफ तौर पर आरोपों की पुष्टि करते हैं।

👮‍♂️ पुलिस और समाज को लेकर कोर्ट की टिप्पणी

हाईकोर्ट ने कहा कि
👉 अगर पुलिसकर्मियों पर हमले के मामलों में नरमी बरती गई,
👉 तो पुलिसकर्मी डर के माहौल में ड्यूटी करने को मजबूर होंगे,
जो कानून-व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।


❓ FAQ सेक्शन

Q1. यह मामला किस इलाके का है?
👉 अंधेरी, MHADA कॉलोनी जंक्शन।

Q2. FIR क्यों दर्ज की गई थी?
👉 ट्रैफिक पुलिस से गाली-गलौज, मारपीट और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में।

Q3. हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?
👉 FIR रद्द करने से इनकार, ट्रायल जारी रखने का आदेश।

Q4. पुलिस के पास क्या सबूत हैं?
👉 मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग और गवाहों के बयान।


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