इस्माईल शेख
मुंबई- पत्रकार की सुरक्षा को लेकर मीडिया वर्ग पिछले दशकों से झूसता आ रहा है। इसको लेकर कई सरकारों से गुहार लगाने के बावजूद अब तक हल नहीं निकल पाया है। वही एक ताजा मामला मालाड पश्चिम से है जिसमें पत्रकार और उसके परिवार पर हमले की खबर सामने आ रही है। पुलिस को मिली शिकायत में पीड़ित पत्रकार की पत्नी रेनू अमित मिश्रा ने बताया, कि मैं और मेरे बच्चे बिल्डर ओपी सिंह के गुर्गों के हमले में बाल-बाल बचे हैं। मालाड पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी सचिन सिंग और अजय यादव की सरगर्मी से तलाश कर रही है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद से पत्रकार के परिवार को एफआईआर रफा-दफा करने के लिए धमकाया जा रहा है। इसको लेकर भारत भूषण अखबार के संपादक अमित मिश्र ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पत्रकार अमित मिश्र मालाड सदगुरू साईनाथ चाल, रूम नं. 9, साईंनाथ रोड, मालाड पश्चिम, लाइफलाइन अस्पताल के बगल में अपनी 36 वर्षीय पत्नी रेणु और 19 वर्षीय बेटा शशांक, 8 साल के अनमोल, 13 साल की प्रगती और 11 साल की वैष्णवी के साथ रहते हैं। इन्हीं के साथ पत्रकार अमित मिश्र के बड़े भाई 56 वर्षीय संतोष मिश्र भी रहते हैं। घटना 17 सितंबर सुबह ठीक 10:00 बजे की है, जब पूरा परिवार घर में आराम कर रहा था। आरोपी और उसके साथी पीड़ित परिवार का दरवाजा पीट कर उन्हें गंदी और भद्दी गालियां दे रहे थे इस समय शशांक पूछने के लिए दरवाजा खोलकर बाहर गया तो उसे सीधे चांटा जड़ दिया और पिटने लग गए, रेणु मिश्र अपने बेटे के बचाव में आगे बढ़ी तो उसे भी मार कर जमीन पर गिरा दिया।
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अचानक हुए इस हमले से पत्रकार का परिवार सदमे में दूबक कर रह गया। वहीं अमित मिश्र आगे बढ़कर हमलावरों का सामना करने के लिए जब बाहर गए तो देखा, कि हमलावर कम से कम 10 से 12 की संख्या में घर के बाहर लाठी और फावड़ा लिए हुए खड़े हैं, उन्होंने तुरंत दरवाजा बंद कर पुलिस कंट्रोल को फोन पर मदद के लिए गुहार लगाया। जब तक पुलिस पहुंची तब तक हमलावर फरार हो चुके थे।
हमलावर सचिन सिंग, अजय यादव और संजय शुक्ला एक माने-जाने कुख्यात अपराधी है। जो “वीआईपी डेवलपर्स” बिल्डर आपी सिंह के लिए काम करते हैं। पीड़ित ने बताया कि यह लोग बिल्डर के इशारे पर किसी की भी जान लेने से नहीं हिचकीचाते। इनके खिलाफ पुलिस पर हमला करने तक का मामला भी दर्ज है और बिल्डर ओपी सिंह भी कोई दूध का धुला नहीं है। ओपी सिंह के खिलाफ मुंबई शहर के कई पुलिस थानों और मुंबई के बाहर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
और तो और मलाड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद फरारी की हालत में भी बिल्डर के लोग पीड़ित परिवार को फोन पर धमकियां दे रहे हैं। बिल्डर ओपी सिंह ने तो सीधे तौर पर अमित मिश्र को फोन पर कहा, कि ‘मिश्रा जी आप बात आगे मत बढ़ाओं जो होना था वह हो गया। हम बिल्डर हैं, घर में बन्द करके जान से मरवा भी सकते है।’ फोन पर हुई इस बातचीत के समय बिल्डर ओपी सिंग का लड़का मोनू सिंग से भी बात हुई, उसने भी धमकाते हुए कहा, कि ‘हमारे लड़कों को कोर्ट से जमानत तो मिल जाएगी उसके बाद सोचो तुम्हारा क्या होगा? इसीलिए कहता हूं, कि मामले को रफत-दफा कर दो, वरना तुम पर हमले तो होंगे और दूसरे झूठे मामले भी अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में दर्ज होने शुरू हो जाएंगे, तुम्हें तो पता है। हमारे पास पैसों का पावर है।’
क्या है पत्रकार के परिवार पर हमले की हकीकत ?
2 सालो पहले बिल्डर ओपी सिंह और अमित मिश्र के बीच एक खाली पड़ी जमीन को लेकर सौदा हुआ था। अमित मिश्र के पास मुंबई में अपना खुद का मकान नहीं होने के कारण ओपी सिंह के पास खाली पड़ी 10×15 फूट जमीन पर अपने लिए घर बनाने का मन बताया। समय कोरोना काल का था लोगों को पैसों की जरूरत थी, तो बिल्डर ने 3 लाख रुपये में सौदा तय कर दिया। इस समय अमित ने एक लाख 50 हज़ार रुपये कैश पैसे ओपी सिंह को दे दिया और बाकी पैसे धीरे-धीरे देने का वादा किया। 3 लाख रुपए में रूम बन गया और अपने परिवार के साथ उस रूम में अमित मिश्र रहने लगे। 6 महिने बाद ही रूम नाला करटिंग में महानगर पालिका द्वारा कार्रवाई के समय टूट गया। उस रूम को फिर से बनवाने में 1 लाख 50 हजार रुपये लगे, दो बार रूम की बनई में कुल 4,50,000 रुपए लग गए।
यहां आपको बताना चाहते हैं, कि अमित मिश्र के घर के पास ही बिल्डर के कब्जे का और 4 रूम है। जिसका बिजली बिल अमित मिश्र द्वारा भरवारा जाता आ रहा है। अंदाजन हर महीने 5 से 9 हजार रुपये के बीच लाइट का बिल आता है जिसका भुगतान अमित मिश्र को ही करना पड़ता है। क्योंकि अमित अपने रूम का बकाया डेढ़ लाख रुपया दे नहीं पाया था। जो खुद अपने आप में एक भारी रकम भुगतान के रूप में अमित मिश्र ने भरा है।
मालाड़ पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवि अडाने ने बताया, कि गु.र.क्र.0549/23 में भारतीय दंड संहिता की धारा 354,323,504,509,506,34 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी फरार है। पुलिस उप निरिक्षक पवार मामले की पड़ताल और आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन मामला दर्ज होने के बाद फोन पर मिली धमकियों से मिश्रा परिवार सदमे में है और अपनी जान की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मदद की गुहार लगा रहे है।
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