नितिन तोरस्कर
मुंबई- महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार के बीच आपसी मतभेदों का सिलसिला दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक, खबर है कि उद्धव सरकार ने NCP प्रमुख शरद पवार के ड्रीम प्रोजेक्ट को ही अटका दिया।
टाटा मेमोरियल अस्पताल को जो महाडा (MHADA) के फ्लैट्स दिए जाने थे, सरकार की तरफ से उसके हस्तांतरण पर रोक लगा दी गई है। इन फ्लैट्स की चाभी खुद शरद पवार ने टाटा अस्पताल के अधिकारियों को सौंपी थी।
मुंबई के परेल स्थित प्रख्यात ‘टाटा मेमोरियल अस्पताल’ में कैंसर का इलाज कराने के लिए देशभर से मरीज आते हैं। इन लोगों के रुकने के लिए सरकार ने महाडा के फ्लैट 100 फ्लैट अस्थाई रूप से टाटा अस्पताल को सौंपने का फैसला किया था, करी रोड़ पर स्थित इन 100 फ्लैट की चाभी खुद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने टाटा अस्पताल के अधिकारियों को सौंपी थी।
शिवसेना विधायक ने सरकार से की थी शिकायत
प्रोजेक्ट के आस-पास के लोगों की शिकायत पर, स्थानीय शिवसेना विधायक अजय चौधरी ने इस पर आपत्ति जताते हुए उद्धव ठाकरे से इसकी शिकायत कर दी थी। उन्होंने कहा था, कि “इस फैसले से करी रोड के स्थानीय लोग नाराज हैं।” चौधरी की शिकायत पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लैटों के हस्तांतरण पर रोक लगा दी।
अब विवाद को सुलझाने के लिए दूसरी जगह फ्लैट्स दिए जाने की बात कही जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से महा विकास अघाड़ी सरकार में राज्य के आवासीय मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने बताया, कि “अब करी रोड की जगह मुंबई के दादर के नायगांव स्थित महाडा के फ्लैटों को टाटा अस्पताल के लिए सौंपे जाएंगे।” जितेंद्र आव्हाड ने इस फैसले के लिए उद्धव ठाकरे का आभार जताया है।
गठबंधन के बाहर, सब सही बताने की हो रही है कोशिश
बुधवार रात शिवसेना के सांसद एवं पार्टी प्रवक्ता संजय राउत दिल्ली में शरद पवार से मुलाकात की, इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के प्लैटफार्म ट्वीटर पर दी है। संजय राउत ने ट्वीटर के माध्यम से कहा, कि “शरद पवार से हुई बातचीत में उन्होंने ने कहा है कि उद्धव ठाकरे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं और महाराष्ट्र सरकार पूरे पांच साल चलेगी।”
टाटा मेमोरियल अस्पताल कैंसर के इलाज के लिए देशभर में माना हआ अस्पताल है। देश के कोने-कोने से यहां मरीज इलाज के लिए आते हैं। कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी के इलाज में लंबा समय लगता है। ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। उनके रिश्तेदारों या मरिज के सहायकों के लिए इतने दिन मुंबई में होटल या किराए पर कमरा लेकर रहना संभव नहीं होता।
आप देख सकते हैं, कि परेल स्थित टाटा अस्पताल के आस-पास फुटपाथ पर बड़ी संख्या में मरीजों के रिश्तेदार रहते देखे जाते हैं। इन लोगों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महाडा के फ्लैट अस्थायी रूप से टाटा अस्पताल को सौंपने का फैसला किया है।
लेकिन खुद शरद पवार ने जिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया वो प्रोजेक्ट जिनकी चाभियां अस्पताल के अधिकारियों को सौंप दी गई उसके हस्तांतरण पर उद्धव ठाकरे ने बिना NCP से बात किए रोका, इसपर पवार की पार्टी नाराज नजर आई।
लेकिन विवाद को बढ़ाने की जगह अब मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे कई मामलों में कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी मतभेद हो चुके हैं। फ़िलहाल महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में मतभेद तो है पर सरकार गिरने के डर से सभी अपसी समझौते करने को मजबूर हो रहे हैं।
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