नितिन तोरस्कर
मुंबई- बेलगाम, कारवार, बिदर, भालकी सहित कर्नाटक की सीमा भागों पर स्थित सभी मराठी भाषी गाँवों को महाराष्ट्र में शामिल कर संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना करना, कर्नाटक के अंतिम मराठी गाँव महाराष्ट्र में आने तक हमारी पूरी शक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ हमारा लड़ना ही सीमांत के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ऐसे शब्दों के साथ, राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के सीमा युद्ध के शहीदों को याद कर उनका अभिवादन किया!
ताकत और एकता के साथ लड़ेंगे
रविवार 17 जनवरी राज्य सीमा के युद्ध में शहीदों को नमन करते हुए, उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, कि “1956 में आज ही के दिन, बेलगाम, कारवार, बिदर जैसे मराठी गाँव अन्यायपूर्ण रूप से तत्कालीन मैसूर राज्य में विस्थापित हुए थे! सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाइयों का संघर्ष और उस समय के महाराष्ट्र राज्य के साथ हुए अन्याय को दूर करने के लिए अनवरत प्रयास जारी है! जब तक यह लड़ाई सफल नहीं होती, तब तक सभी मराठी भाई अपनी ताकत और एकता के साथ लड़ेंगे!
संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना
संयुक्त महाराष्ट्र के लिए लड़ने वाले आंदोलनकारियों पर, दिनांक 18 जनवरी, 1956 को मुंबई में गोलीबारी हुई थी! उसमें महाराष्ट्र के दस सुपुत्र शहीद हो गए! साथ ही 250 से अधिक घायल हो गए थे! उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन महाराष्ट्र वीरों का भी अभिवादन किया जिन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र के लिए अपनी जान गवां दी थी! आंदोलन में जख्मी हुए घायल सैनिकों और उनके परिवारों के लिए भी राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आभार व्यक्त किया! उन्होंने यह भी दृढ़ संकल्प व्यक्त किया, कि “कर्नाटक सीमा भागों के मराठी भाषी गांवों को महाराष्ट्र में लाकर जब तक संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना का स्वप्न पूरा नही हो जाता तब तक महाराष्ट्र शांत नहीं होगा!”
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