मालाड़ (पश्चिम) अक्सा के ‘अवैध पे एंड पार्क’ का मुद्दा बॉम्बे हाईकोर्ट में गूंजा

मालाड़ (पश्चिम) के अक्सा में पुलिस बीट चौकी की सरकारी जमीन पर अवैध पे एंड पार्क चलाए जाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में पेश याचिका की सुनवाई के दौरान कलेक्टर को दिए जांच के निर्देश। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

मुम्बई- बम्बई हाईकोर्ट में मालाड़ (पश्चिम) के अक्सा बीच के निकट एक पे एंड पार्क का मुद्दा गरमाया हुआ है। हाईकोर्ट ने कलेक्टर को 12 हफ्तों के भीतर कब्जेदारों को नोटिस देकर, प्लॉट का सर्वे करने और मामले की पड़ताल कर कोर्ट में रिपोर्ट सबमिट करने का हुक्म दिया है। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

अदालती दिशा निर्देश के मुताबिक, कलेक्टर या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों को याचिकाकर्ता और उनके प्रतिवादी संस्था तथा विवादित जमीन पर कब्जा करने वाले अन्य व्यक्तियों के खिलाफ नोटिस जारी करें। इसके पश्चात, उन्हें विवादित जमीन का सर्वेक्षण करना होगा और सभी पक्षों की सुनवाई करनी होगी। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

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आरोपों की जांच के निर्देश

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मुंबई उपनगरीय कलेक्टर को आदेश दिया है कि वह मालाड (पश्चिम) के अक्सा में सरकारी जमीन पर अवैध पे-एंड-पार्क प्रणाली के संचालन के संबंध में अतिक्रमण के आरोपों की जांच करें और 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

पुलिस बीट चौकी की जमीन

9 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति मकरंद एस कार्णिक की बेंच ने नागरिक सेवा सुधार समिति (NGO) के अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान शेख द्वारा दायर जनहित याचिका पर निर्णय सुनाया। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि जिलाधिकारी (Collector) और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने कंसारी माता आदिवासी सामाजिक विकास संस्था के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिसने अवैध पार्किंग सेवा के लिए पुलिस बीट चौकी की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

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समिति के अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान शेख ने अपने वकील भरत मीरचंदानी के जरिए कोर्ट के सामने यह तर्क रखा कि अधिकारियों को ज्ञापन देने के बावजूद, विवादास्पद संगठन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

अतिक्रमण हटाने की मांग

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि सरकारी निर्देशों के अनुसार, उस जमीन का उपयोग केवल पेवर ब्लॉक, सौर प्रकाश, लाल रेत, वृक्षारोपण और पर्यटन के लिए सौंदर्यीकरण जैसे कार्यों के लिए किया जाना चाहिए था। मीरचंदानी ने कोर्ट से अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश देने की मांग की। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

कलेक्टर को दिए निर्देश

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके पश्चात बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि “किसी ने सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण किया है या नहीं, यह एक तथ्यात्मक मुद्दा है और आमतौर पर यह विवादास्पद होता है।” इसीलिए अदालत ने कलेक्टर या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों को आदेश दिया है कि वे याचिकाकर्ता और उनके प्रतिवादी संस्था और विवादास्पद जमीन पर काबिज अन्य व्यक्तियों को नोटिस भेजें। इसके बाद, कलेक्टर विभाग को विवादित जमीन का सर्वेक्षण करना होगा और सभी पक्षों की सुनवाई करनी होगी। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

Uअतिक्रमण हटाने के निर्देश

अदालत ने यह भी कहा कि अगर संबंधित जमीन सरकारी संपत्ति के रूप में पहचानी जाती है, तो कलेक्टर विभाग कानून के तहत अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि यह पूरी प्रक्रिया 12 हफ्ते यानी 3 महिनों के भीतर संपन्न होनी चाहिए और यदि अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है, तो पुलिस की सहायता भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)

कोर्ट के आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि निष्कासन के आदेश से प्रभावित कोई भी व्यक्ति कानून में उपलब्ध विकल्पों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होगा। (The issue of illegal pay and park in Malad West Aksa echoed in Bombay High Court)


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