मुंबई में गुरुद्वारा विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान मनपा अधिकारियों को नोटिस जारी

मुंबई के गुरूद्वारा विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया। बताया कोर्ट के आदेशों का हुआ है उलंघन.. (Supreme Court takes cognizance of demolition of Gurudwara in Mumbai, notice issued to Municipal Corporation officials)

विशेष संवाददाता
मुंबई
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक गुरुद्वारे के गिराए जाने के मामले में बृहन्मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की याचिका पर नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और संबंधित प्रतिवादियों को नोटिस भेजा। याचिकाकर्ता प्रवीण जीवन वालोदरा का प्रतिनिधित्व एड्वोकेट सौम्या प्रियदर्शिनी ने कर रहे हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी के अधिकारियों ने संपत्तियों को गिराने पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। (Supreme Court takes cognizance of demolition of Gurudwara in Mumbai, notice issued to Municipal Corporation officials)

कोर्ट के अंतरिम आदेशों का पूर्ण उल्लंघन

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है, कि बीएमसी के अधिकारियों ने उनके आश्रय के अधिकार का उल्लंघन किया है, जो भारत के संविधान द्वारा सुरक्षित है। याचिकाकर्ता के अनुसार, यह तोड़क कार्यवाही 15 अक्टूबर 2024 को हुआ, जो 17 सितंबर 2024 और 1 अक्टूबर 2024 के अंतरिम आदेशों का उल्लंघन है, जिसमें शीर्ष न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि बिना अनुमति के किसी भी स्थान पर स्ट्रक्चर पर तोड़क कार्यवाही को नहीं किया जा सकता। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि अवमाननाकर्ताओं ने न्यायालय की अनुमति के बिना संरचना को ध्वस्त कर दिया, और यह दावा किया गया है कि यह संरचना सार्वजनिक सड़क पर स्थित थी। जबकि बृहन्मुंबई महानगर पालिका द्वारा याचिकाकर्ता को प्रदान किए गए किसी भी आंतरिक पत्राचार या याचिकाकर्ता के पास उपलब्ध अभिलेखों में ऐसा कुछ भी दर्ज नहीं किया गया है। (Supreme Court takes cognizance of demolition of Gurudwara in Mumbai, notice issued to Municipal Corporation officials)

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याचिका में खास क्या रहा ?

याचिकाकर्ता ने बताया कि वे गुरुद्वारे का संचालन कर रहे थे और अपने परिवार के साथ वर्षों से उस संरचना के कमरे में शांति से निवास कर रहे थे, जैसा कि उनके पूर्वजों ने 1955 के आस-पास किया था, जो दस्तावेजों से स्पष्ट है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि उन्होंने और उनके पूर्वजों ने उस भूमि और संरचना से संबंधित संपत्ति कर का भुगतान किया है। (Supreme Court takes cognizance of demolition of Gurudwara in Mumbai, notice issued to Municipal Corporation officials)


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