भोपाल के एक पुलिस कांस्टेबल ने न तो कभी विभागीय अनिवार्य प्रशिक्षण ली और ना कभी ड्यूटी ज्वाईन किया, फिर भी पुलिसकर्मी को 12 साल में 35 लाख रुपये का वेतन मिला। Shocking: He kept taking salary from police department for 12 years without doing any duty
मध्यप्रदेश: भोपाल से एक विचित्र और चौकादेने वाली घटना प्रकाश में आ रही है। यहां एक पुलिस कांस्टेबल ने 2011-2012 में भर्ती होने के बाद न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट किया और न ही अनिवार्य प्रशिक्षण लिया, जबकि उसने 12 सालों में लगभग 35 लाख रुपये का वेतन प्राप्त किया। ड्यूटी से अपनी पूरी अनुपस्थिति के दौरान, अभिषेक ने न तो विभाग को इसकी सूचना दी और न ही कभी छुट्टी के लिए आवेदन किया, फिर भी वह 12 साल तक मासिक वेतन पाने में कामयाब रहा। Shocking: He kept taking salary from police department for 12 years without doing any duty
प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था
मध्य मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले के मूल निवासी, अभिषेक 2011-12 में राज्य पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती होने वालों में से एक था। वह अपने बैच के अन्य कांस्टेबलों की तुलना में काफ़ी देर से भोपाल ज़िला लाइन्स में उपस्थित हुआ था। पुलिस बल में भर्ती होने के बाद, उसे सागर ज़िले के पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में अनिवार्य प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था।
प्रशिक्षण के बजाय घर चला गया
लेकिन, प्रशिक्षण के लिए जाने के बजाय अभिषेक पड़ोस के अपने विदिशा जिले में अपने घर चला गया और 12 सालों तक न तो प्रशिक्षण लिया और न ही ड्यूटी पर आया। इसी बीच ड्यूटी से गैर हाजिरी की पूरी अवधि के दौरान उसने न तो विभाग को इसकी जानकारी दी और न ही कभी छुट्टी के लिए आवेदन किया, फिर भी वह 12 सालों तक मासिक वेतन पाने में कामयाब रहा। Shocking: He kept taking salary from police department for 12 years without doing any duty
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कैसे खेल रचाये?
अभिषेक ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए स्पीड पोस्ट के जरिए अपनी सर्विस फाइल भोपाल भेज दिया था। हैरानी की बात यह है कि भोपाल में संबंधित विभाग ने बिना किसी सत्यापन के उसकी सर्विस फाइल स्वीकार कर ली, जिसके परिणामस्वरूप अभिषेक को अगले 12 सालों तक 35 लाख रुपए वेतन के रूप में मिलते रहे। चौंकाने वाली यह अनियमितता 2023 में तब सामने आई, जब 2011-12 बैच के कांस्टेबलों के 10 वर्षीय समयमान वेतन ग्रेड के लिए अनिवार्य प्रक्रिया के तहत सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही थी। Shocking: He kept taking salary from police department for 12 years without doing any duty
पैसे लौटाने का किया वादा
मामले की जांच कर रही एसीपी-भोपाल अंकिता खाटेरकर ने कहा, “सेवा रिकॉर्ड की जांच में कोई पुरस्कार, कोई दंड और कोई ड्यूटी रिकॉर्ड नहीं मिला, जो कि अजीब था। उसे (अभिषेक को) विभाग की स्थापना शाखा ने बुलाया था, जिसके बाद वह आखिरकार पेश हुआ, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसने एक दिन भी पुलिस की सेवा नहीं की है।” पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि उन्होंने विभाग को एक लाख रुपए लौटा दिए हैं और वादा किया है कि 12 साल में मिलने वाला वेतन के पैसे किश्तों में लौटा देंगे। विभागीय जांच चल रही है। Shocking: He kept taking salary from police department for 12 years without doing any duty
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