मुंबई कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री एवं शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग पर भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते हुए भाजपा विधायक नितेश राणे को आड़े हाथ लिया। उन्होंने आश्चर्य चकित शब्दों में सवाल के जवाब में और एक सवाल करते हुए कहा कि "क्या भाजपा में शामिल होने से सब 'पवित्र' हो जाते हैं?"
नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- महाराष्ट्र राज्य में इन दिनों महाविकास अघाड़ी सरकार को तोड़ने और चुनावी समीकरण तैय्यार करने का कार्य विपक्षी पार्टी के लिए चुनौती पूर्ण साबित हो रहा है। केंद्र और कुछ राज्यों में मजबूत भारतीय जनता पार्टी इसके लिए कोई भी मौका गवांना नहीं चाहती, कारण यहां भाजपा विपक्ष की मुखिया का पद संभाल रही है। इसी बीच राज्य में मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग ने माहौल को गर्मा दिया है। (Congress Party Maharashtra President Nana Patole)
हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार श्रीधर माधव पाटणकर के स्वामित्व वाली कंपनी की करीब 6.45 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क किए जाने के बाद राज्य के कणकवली से विधायक नीतेश राणे ने मंगलवार को उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग की थी। संवाददाताओं ने जब नीतेश राणे की मांग के संबंध में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से सवाल किया, तो उन्होंने जवाब में आश्चर्यजनक उलटे सवाल करते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी की ओर से सोमैया ने नारायण राणे और कृपाशंकर सिंह (जब दोनों ही भाजपा नेता इसके पहले कांग्रेसी नेता थे) पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन आरोपों का क्या हुआ?”
और दूसरे ही क्षण दूसरा सवाल भी करते हुए कहा “ये कैसी राजनैतिक भ्रष्टाचार है, जो जब तक कोई नेता भाजपा में शामिल ना हो तब उन्हें केंद्रीय दबाव बनाकर भ्रष्टाचार का आरोप सहना पड़ता है, वहीं नेता अगर भाजपा में शामिल हो जाए तो उस फाईल को ही भाजपा बंद कर देती है।” उन्होंने याद दिलाते हुए कहा, कि “जो नेता पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के किरीट सोमैय्या द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपा का सामना कर रहा हो, उनके भाजपा में शामिल हो जाने के बाद जांच का ब्योरा क्या है, इन मुद्दों पर भाजपा अब क्यों खामोश हो गई? क्या जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करते हैं, वो भाजपा में शामिल होने के बाद ‘पवित्र’ हो जाते हैं?” (Maharashtra Politics)
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा राज्य के कई हिस्सों में कार्रवाई को केंद्र सरकार में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी का ही दबाव के तौर पर राजनैतिक गतिविधियों और चर्चाओं माध्यम में बनी हुई हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को राज्य सरकार के मजबूत खंबे को हिलाने की तुलना में देखी और समझी जा रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटौले के तीखे वार ने गठबंधन की मजबूती को राजनैतिक चर्चा का विषय बना दिया है।
उन्होंने राज्य के प्रमुख मुद्दों को पेश करते हुए दूसरे शब्दों में आरोप लगाते हुए कहा, कि “भारतीय जनता पार्टी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) नेताओं पर बस आरोप लगाने का काम कर रही है, ताकि राज्य से जूडे बाकी मुद्दों मसलन, महंगाई, बेरोजगारी और ईंधन के दाम में बढ़ोतरी से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।” (Political News)
आप को अधिक जानकारी देते हुए बता दें, कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष भी हैं, जिनके नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी की सरकार राज्य में चल रही है। महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस पार्टी घटक दल हैं। (Indian Politics Hindi News)
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