विशेष संवाददाता
मुंबई – Covid 19 कोरोना के कम होते मामलों के बीच ये एक सबसे बड़ी और राहत भरी खबर है। मुंबई में दो एंटीबॉडी दवा के मिलाने पर इसका प्रारंभिक प्रयोग (Preliminary Experiment) सफल रहा है। इन दोनों दवाओं के आप को नाम बताते चलें, Casirvimab और Imdevimab जिन्हें मिलाकर 200 मरीजों का सफल इलाज किया गया। मुंबई के सेवन हिल्स अस्पताल में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने ये प्रयोग किया है।
दोनों दवाओं के अच्छे नतीजे..
सबसे बड़ी और खास बात ये है, कि इन दोनों दवाओं (Casirvimab और Imdevimab) को मिलाने के बाद सिर्फ 0.5 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। वहीं मृत्यु दर भी आश्चर्यजनक तरीके से घटकर 70% हो गई। पहले जहां मरीजों को 13 से 14 दिन हॉस्पिटलाइज रहना पड़ता था, वहीं ये घटकर 5-6 दिन हो गया। दूसरी दवाओं जैसे रेमडेसिविर और स्टेरॉयड नहीं लेने पर साइड इफेक्ट भी कम हो गया। देश के लोगों के लिए खुशी की बात ये है, कि वहीं इन दोनों दवाओं का सफल प्रयोग के बाद ये पक्का हो रहा है, कि कोरोना की तीसरी लहर के आने पर मरीजों को काफी राहत मिल सकेगी, लोगों को अब ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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पिछले 24 घंटों में 7,603 कोरोना के नए मामले..
महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में मिली रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में यहां 7,603 नए मामले आए हैं, राज्य में 15,277 कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं और 53 मरीजों की इस घातक बीमारी के कारण मौत हो गई है। राज्य में कोरोना के कुल मामले 61,65,402 हुए, जबकि 59,27,756 मरीजों ने इस बीमारी से लड़कर मात दी है। पूरे राज्य में कोरोना से मौत का आंकड़ा 1,26,024 हुआ, जबकि अभी यहां 1,08,343 एक्टिव मरीजों का इलाज चल रहा है।
BMC ने किया था सीरो सर्वे..
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने पिछले दिनों शहर में सीरो सर्वे भी किया था, जिसमें मुंबई के 50 प्रतिशत बच्चों में कोरोना एंटीबॉडी पाई गई थी। इस सर्वे के विषय में आप को बता दें, कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation) का यह चौथा सीरो सर्वे था। इस सर्वे के लिए 1 अप्रैल से 15 जून तक शहर के लोगों का सैंपल लिए गया था। इस सीरो सर्वे का सैंपल टेस्ट, नायर अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के लैब में किया गया है। इसमें पूरे मुंबई के अलग-अलग जगहों से 2176 जांच के लिए सैंपल लिए गए थे। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के 50 प्रतिशत बच्चों में रोग प्रतिकारक शक्ति की अधिकता के कारण कोरोना के संक्रमण से बचे हुए हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की इस वर्तमान लहर में 10 से 14 वर्ष के बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं, जिनका आंकड़ा शहर में 53.43 प्रतिशत है। वहीं 1 से 4 साल की उम्र के बच्चों में 51.04%, 5 से 9 साल के बच्चों में 47.33% और इसके साथ ही, 15 से 18 साल के बच्चों में इसे 51.39% देखा गया है। यानी कि औसतन 1 से 18 साल के बच्चों में 51.18% कोरोना संक्रमण से लड़ने के रोग प्रतिकारक शक्ति अधिक होने के कारण बचे हुए है। इस सर्वे से साफ हो गया कि कोरोना की दूसरे लहर में बच्चे काफी संख्या में प्रभावित हुए।
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