मराठा आरक्षण पर राजनीति: ओबीसी संग्राम और फडणवीस का जवाब

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में नया विवाद। छगन भुजबल की नाराजगी, ओबीसी नेताओं का रुख और देवेंद्र फडणवीस की सफाई जानें विस्तार से। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

मंत्रालय प्रतिनिधि
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों आरक्षण को लेकर एक बार फिर गरमा गई है। मराठा आरक्षण को लेकर सरकार के नए जीआर (Government Resolution) ने माहौल को गर्म कर दिया है। मराठा समुदाय को मनाने में सफल रहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अब ओबीसी नेताओं की नाराजगी का सामना कर रहे हैं। सबसे बड़ा नाम है एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल का, जिन्होंने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार कर दिया। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

मराठा आंदोलन और सरकार का फैसला

मराठा आंदोलन पिछले कई महीनों से चल रहा था। कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अनशन किया और सरकार से 8 मांगें रखीं। इनमें से 6 मांगों को सरकार ने मान लिया। सबसे अहम मांग थी मराठा-कुनबी प्रमाणपत्र को लेकर, जिस पर सरकार ने सबकमेटी के जरिए अहम फैसला लिया। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

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इसके बाद आज़ाद मैदान और अन्य जगहों पर मराठा समाज ने जश्न मनाया। लेकिन इसी फैसले से ओबीसी नेताओं में नाराजगी देखने को मिली। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

छगन भुजबल क्यों नाराज?

बुधवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक थी। उससे पहले छगन भुजबल प्री-कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए, लेकिन मुख्य बैठक में नहीं गए। उनका कहना है कि सरकार का यह जीआर ओबीसी के अधिकारों पर असर डाल सकता है।

भुजबल ने यहां तक कह दिया कि वे इस मामले को अदालत में ले जाएंगे। इसके बाद अटकलें तेज हो गईं कि वे मंत्री पद भी छोड़ सकते हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

देवेंद्र फडणवीस का जवाब

जब मीडिया ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस विवाद पर सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा:

  • “कोई कैबिनेट छोड़कर नहीं गया है। मैंने छगन भुजबल से फोन पर बात की है।”
  • “हमारा जीआर ओबीसी पर असर नहीं डालता। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने भी इसे देखकर यही कहा है।”
  • “हम मराठों का आरक्षण मराठों को देंगे और ओबीसी का आरक्षण ओबीसी को। किसी का अधिकार छीना नहीं जाएगा।”
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ओबीसी पर असर होगा या नहीं?

फडणवीस ने स्पष्ट किया कि यह जीआर सामान्य आरक्षण का आदेश नहीं है, बल्कि यह सिर्फ “प्रूफ का जीआर” है।

  • उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा के सबूत हैदराबाद गजट में मौजूद हैं, इसलिए इन्हें शामिल किया गया है।
  • जिनके पास सबूत होंगे, उन्हें ही आरक्षण का हक मिलेगा।
  • ओबीसी संगठनों ने भी इस पर सहमति जताई है।

महाराष्ट्र में आगे की राजनीति

महाराष्ट्र की राजनीति में आरक्षण हमेशा से संवेदनशील मुद्दा रहा है।

  • मराठा समाज की बड़ी आबादी है, जो लंबे समय से आरक्षण की मांग करता आया है।
  • वहीं ओबीसी समाज भी यह मानता है कि उनके अधिकार किसी और को न दिए जाएं।
  • ऐसे में सरकार को दोनों समुदायों को साथ लेकर चलना आसान नहीं होगा।

फिलहाल फडणवीस यह दावा कर रहे हैं कि ओबीसी का हक किसी भी हाल में नहीं छीना जाएगा। लेकिन छगन भुजबल की नाराजगी यह संकेत देती है कि यह मुद्दा आने वाले समय में और बड़ा राजनीतिक संकट बन सकता है। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

सोशल मीडिया पर माहौल

मराठा आंदोलन के खत्म होते ही ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मराठा समर्थकों ने खुशी जताई। वहीं ओबीसी समर्थक इस फैसले को लेकर चिंता जता रहे हैं। #MarathaReservation, #OBCReservation और #ChhaganBhujbal जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

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महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आंदोलन को शांत करने के लिए जो कदम उठाया है, उसने ओबीसी समाज में नए सवाल खड़े कर दिए हैं। छगन भुजबल जैसे बड़े नेता की नाराजगी इस मुद्दे को और तूल दे सकती है। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लगातार यह भरोसा दिला रहे हैं कि किसी भी समाज के साथ अन्याय नहीं होगा। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answer

❓ मराठा आरक्षण विवाद से जुड़े आम सवाल (FAQ)

Q1. मराठा आरक्षण विवाद क्यों उठा?

मराठा आरक्षण विवाद इसलिए उठा क्योंकि सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए नया जीआर (सरकारी आदेश) निकाला। इस फैसले से ओबीसी नेताओं को लग रहा है कि उनके आरक्षण पर असर पड़ सकता है।

Q2. छगन भुजबल क्यों नाराज हैं?

एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल का कहना है कि सरकार का यह कदम ओबीसी समाज के हक पर असर डाल सकता है। इसी वजह से उन्होंने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार किया और कहा कि वे अदालत जाएंगे।

Q3. क्या छगन भुजबल ने मंत्री पद छोड़ा है?

नहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया है कि कोई भी मंत्री कैबिनेट से बाहर नहीं गया है। भुजबल अब भी सरकार का हिस्सा हैं।

Q4. देवेंद्र फडणवीस ने इस विवाद पर क्या कहा?

फडणवीस ने कहा कि सरकार का जीआर ओबीसी पर कोई असर नहीं डालता। मराठा और ओबीसी दोनों को उनका हक मिलेगा और किसी का आरक्षण किसी और को नहीं दिया जाएगा।

Q5. क्या ओबीसी का आरक्षण खतरे में है?

सरकार का कहना है कि ओबीसी का आरक्षण बिल्कुल सुरक्षित है। यह जीआर सिर्फ सबूत और प्रमाण से जुड़ा है। जिनके पास योग्य प्रमाण होंगे, उन्हें ही आरक्षण मिलेगा। Politics on Maratha reservation: OBC struggle and Fadnavis’s answe


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