नितिन तोरस्कर
मुंबई– पी.एम.सी.बैंक के संचालक लॉकडाउन के बीच ठंडी वादियों में सैर सपाटे के लिए निकल पड़े हैं! यहां बैंक के असंख्य जमाकर्ताओं की मांगों पर पीठ फेर लिया गया है! ऐसे में बैंक के जमाकर्ता सभासदों के बीच असंतोष के कारण भारी आक्रोश देखा जा रहा है! गोरेगांव पूर्व गोकुलधाम के मजदूर बस्ती के जमाकर्ता एवं समाज सेवक बजरंग चव्हाण ने लॉकडाउन के बाद, PMC बैंक के सामने भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है, इनके साथ अन्य जमाकर्ता एवं संस्थाऐं भी धरना प्रदर्शन करने वाली है! ऐसी जानकारी प्राप्त हो रही है!
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आप को बता दें, कि ‘कोरोना’ वायरस के महामारी से महाराष्ट्र सरकार लोगों की जान बचाने के लिए जूझ रही है, इसी का फायदा उठाते हुए PMC बैंक का एक संचालक कपिल वाधवान अपने पूरे परिवार को लेकर खंडाला, महाबलेश्वर मौज मस्ती करने गये हुए थे! बाद में सरकारी सतर्कता के कारण उन सभी पर मामला दर्ज कर सीबीआय द्वारा कार्रवाई की गई है!
बजरंग चव्हाण और उनकी पत्नी संध्या चव्हाण PMC बैंक के सभासद है! संध्या चव्हाण हृदय रोगी हैं, हाल ही में उनका नीजी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी की गई है! जिसके इलाज पर उन्हें लगभग 3 लाख रुपए का खर्च आया! इलाज के लिए औरों से लिया गया कर्ज वापस करने के लिए बैंक में जमा पत्नी के पैसे वापस करने को लेकर बजरंग चव्हाण ने PMC बैंक को पत्र लिखकर मांग की गई है! लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी संध्या चव्हाण की जमापूंजी वापस करने के लिए किसी भी तरह का कोई कदम नही उठाया जा रहा है! पूछे जाने पर टालमटोल किया जा रहा है! इस मामले से क्रोधित बजरंग चव्हाण ने बताया, कि ‘सभासदों के पैसों पर मौज मस्ती और चैन की नींद सोने वालों के विरुद्ध सभासद रास्ते पर उतर कर आंदोलन करने वाले हैं!
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आप को बता दें, कि फिलहाल PMC बैंक पर रिजर्व बैंक ने अधिकारी नियुक्त किया हुआ है! कोरोना वायरस के संकटकालीन देश भर में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है! कामकाज, व्यवसाय सब बंद पडे हैं! गोकुलधाम बस्ती के अनेक जमाकर्ता एवं गृहनिर्माण संस्था बैंक से अपने पैसे पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं!
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अधिक जानकारी के मुताबिक, गोकुलधाम को.ऑप.क्रेडिट सोसायटी नामक सरकार मान्य संस्थे की जमा अवधि समाप्ति के बावजूद पैसे नहीं दिए जा रहे हैं! एक फिक्स डिपोजीट के खत्म होते ही उसका बड़ा हिस्सा सख्ती के साथ फिर से जोड़ते हुए उसमें का सिर्फ 50 हजार रुपये लौटाए गए हैं! लेकिन दूसरी अवधि की समाप्ति पर पैसा मांगने गये तो सिर्फ व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को यह फायदा मिलने का घुमावदार जवाब देकर संस्था को जमापूंजी अवधी की समाप्ति पर भी पैसा वापस नही किया जा रहा है!
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व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को भी उनकी फिक्स डिपोजीट अवधि की समाप्ति पर 50 हजार या उससे कम की राशी वापस किया जाता है की नही, इसपर सवाल बना हुआ है! लेकिन संस्था की जमापूंजी आखिर व्यक्तिक सभासदों से ही बनती है, इसको ध्यान में न रखकर, उनकी जमापूंजी वापस करने से मना कर देना अन्याय पूर्वक है! ऐसी तीव्र प्रतिक्रिया गोकुलधाम पतपेटी संस्था ने की है! ऐसे ही कारणों को बताकर अनेक गृहनिर्माण संस्थाओं तथा सभासदों की जमापूंजी बैंक की ओर से वापस नही की जा रही है! जल्द ही इन मामलो पर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सहकार्य मंत्रियों को इसकी जानकारी दी जाने वाली है!
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