Mumbai News: मुंबई पुलिस ने 7 थानों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन बनाए हैं। जहां पीड़ित बच्चों को सहज वातावरण मिलेगा। कार्टून, खिलौनों से सजे कमरों में प्रशिक्षित अधिकारी बच्चों से संवेदनशीलता का खयाल रखते हुए बात करेंगे। Now child friendly zones will be created in Mumbai police stations
Mumbai Crime News: मुंबई पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए एक सराहनीय पहल की है। पहली बार मुंबई के 7 पुलिस स्टेशनों में चाइल्ड फ्रेंडली जोन की शुरुआत की गई है। यह ज़ोन विशेष रूप से उन बच्चों के लिए बनाए गए हैं जो किसी अपराध के शिकार हुए हैं या किसी जांच प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। Now child friendly zones will be created in Mumbai police stations
पुलिस स्टेशन का गंभीर माहौल
मुंबई पुलिस लगातार बच्चों से जुड़े अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। हालांकि, कई बार जांच के दौरान पीड़ित बच्चों को पुलिस स्टेशन बुलाना पड़ता है। कई बार पुलिस स्टेशन का गंभीर माहौल बच्चों में डर पैदा कर देता है। जिससे वे खुलकर बात नहीं कर पाते और जांच में पुलिस वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। Now child friendly zones will be created in Mumbai police stations
कैसे बनाया गया है बच्चों का कमरा?
इसी को ध्यान में रखते हुए, मुंबई पुलिस अब हर पुलिस थानों में ऐसे कमरे बनाने जा रही है जो बच्चों के अनुकूल रहने वाले हैं। मुंबई पुलिस ने इसकी शुरुआत कर दी है। शुरुआती 7 अलग-अलग पुलिस थानों में चाइल्ड फ्रेंडली ज़ोन बनाए गए हैं। इन कमरों को कार्टून के चित्र, खिलौने और गेम्स के उपकरणों से सजाया गया है। यहां बच्चों को एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मिलता है जिससे वे तनावमुक्त होकर पुलिस से बात कर सकेंगे। Now child friendly zones will be created in Mumbai police stations
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बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण
प्रत्येक चाइल्ड फ्रेंडली ज़ोन में एक प्रशिक्षित अधिकारी तैनात किया गया है जो बच्चों से संवेदनशीलता का खयाल रखते हुए बात करेंगे। उन्हें सहज महसूस कराने पर जोर दिया जा रहा है। इससे पुलिस को जांच में मदद मिलेगी। इस ज़ोन की एंट्री भी अलग रखी गई है ताकि बच्चों को यह जगह किसी थाने जैसी न लगे। साथ ही, आपात स्थिति के लिए बाहर एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। Now child friendly zones will be created in Mumbai police stations
एनसीपीसीआर की गाइडलाइन क्या है?
- हर पुलिस स्टेशन में सहायक उपनिरीक्षक स्तर से नीचे के एक अधिकारी को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (CWPO) के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए, जिसे बच्चों से संवाद और देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण मिला हो।
- विशेष किशोर पुलिस इकाइयों की बैठक भी CWPO की निगरानी में होनी चाहिए और सभी रिकॉर्ड सुव्यवस्थित रखे जाने चाहिए।
- साथ ही, बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भी इन अधिकारियों की होगी।
- CWPO और अन्य पुलिस कर्मियों को समय-समय पर POCSO, JJ Act, बाल श्रम कानून, और अन्य प्रासंगिक अधिनियमों में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
- CWPO को ‘Track the Missing Child’ पोर्टल के संचालन व मॉनिटरिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है।
मुंबई पुलिस की यह पहल न केवल बच्चों के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि उन्हें न्याय प्रणाली का भरोसेमंद हिस्सा भी बनाती है। यह एक उदाहरण है कि संवेदनशीलता और सुरक्षा साथ-साथ कैसे चलाया जा सकता है। Now child friendly zones will be created in Mumbai police stations
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