ट्रैफिक पुलिस की मनमानी के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विरोध

मुंबई में ट्रैफिक पुलिस की मनमानी से परेशान आम नागरिकों के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट ने उठाया ठोस कदम। अवैध चालान के खिलाफ पुलिसकर्मी पर कार्यवाही की मांग करते हुए चालान निरस्थ करने की मांग की है। (Nationalist Congress Party protests against the arbitrariness of the traffic police)

इस्माईल शेख
मुंबई- ट्रैफिक पुलिस की मनमानी के खिलाफ विरोध करते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने किया दंडात्मक कार्यवाही की मांग। बोरीवली, दहिसर और कांदीवली पूर्व के ट्रैफिक पुलिस अपने मन मुताबिक फोन का इस्तेमाल कर नियमों के खिलाफ ऑनलाइन चलान काटकर आम लोगों सें अवैध वसूली कर रहे हैं। इसके खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के पार्टी प्रवक्ता मनीष दुबे ने वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन देकर दंडात्मक कार्यवाही की मांग करते हुए अवैध फाइन को निरस्थ करने की मांग की है। (Nationalist Congress Party protests against the arbitrariness of the traffic police)

दहिसर, बोरीवली और कांदीवली पूर्व के समतानगर में अवैध ट्रेफिक चलान को लेकर पार्टी प्रवक्ता मनीष दुबे ने ट्रेफिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर इसकी शिकायत करते हुए ज्ञापन दिया। शिकायत में कहा गया है कि ट्रेफिक पुलिस अपने निजी फोन का इस्तेमाल कर लोगों के फ़ोटो खींच रहे हैं और बाद में अपने मनमुताबिक चालान डिवाइस का इस्तेमाल कर ऑनलाइन फाइन मारा जा रहा है। जबकि यह आम नागरिकों के साथ धोखा हो रहा है। (Nationalist Congress Party protests against the arbitrariness of the traffic police)

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व्हाट्सअप पर जानकारी देने की अपील ..

राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और ट्रेफिक विभाग के संयुक्त पुलिस आयुक्त को पत्र देकर, मनीष दुबे ने ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है। साथ ही उक्त अवैध चालान को निरस्थ किए जाने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही मुम्बईकरों को अवैध चालान के खिलाफ एक जुट होने का आह्वान करते हुए शिकायत दर्ज कराने को कहा है। उन्होंने अपना मोबाइल नंबर (9664059999) जारी करते हुए अवैध ट्रेफिक चलान के पीड़ितों को व्हाट्सअप द्वारा जानकारी साझा करने की अपील की है। इसके अलावा अपना ईमेल पता Email [email protected] भी जारी किया। (Nationalist Congress Party protests against the arbitrariness of the traffic police)


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