Mumbai- समुद्री तट पर प्रॉपर्टी लीगल करने के लिए सरकारी दस्तावेजों से हेरफेर, 4 गिरफ्तार 18 अधिकारियों से पूछताछ

मुंबई समुद्र तटीय क्षेत्र में बड़े जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है। 102 फर्जी प्रॉपर्टी नकशे के आधार पर अवैध निर्माण किए गए। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बीएमसी तथा भूमि रिकॉर्ड विभाग के 18 अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

इस्माईल शेख
मुंबई-
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया था। एसआईटी ने जांच में खुलासा किया है कि उसने मुंबई समुद्र तटरेखा के किनारे मालाड़ पश्चिम के मार्वे, मढ़ आइलैंड और वर्सोवा के तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) और नो डेवलपमेंट जोन (NDZ) की जमीन पर बड़े स्तर पर कंस्ट्रक्शन पाया। इतना ही नहीं जमीन में निर्माण के लिए संपत्ति रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गई। जांच के बाद सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी के साथ बड़े स्तर पर जमीन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र तट के किनारे कम से कम 102 प्रॉपर्टी नकशे से जुड़े घोटाले के लिए पिछले सप्ताह दो पूर्व सरकारी कर्मचारियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा कुल मिलाकर, बीएमसी और भूमि रिकॉर्ड अनुभाग के 18 सरकारी कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

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कहाँ हुआ जमीन घोटाला

इस घोटाले में कथित तौर पर एस्टेट एजेंट, सरकारी कर्मचारी और ठेकेदार शामिल हैं, जिन्होंने मालाड़ पश्चिम के मार्वे, मढ़ आइलैंड, वर्सोवा और अन्य पर्यावरण के लिए संवेदनशील स्थानों में भूमि रिकॉर्ड में बदलाव किया। मालाड़ पश्चिम एरंगल के एक किसान वैभव ठाकुर ने सबसे पहले इस हेराफेरी के मामले को उजागर किया। वैभव एक खानदानी किसान है और एक खेती की जमीन के मालिक भी हैं। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

एफआईआर पर गिरफ्तारी नही हुई

वैभव ठाकुर ने 2021 में अपने प्लॉट और आस-पास की जमीनों पर अवैध निर्माण के खिलाफ गोरेगांव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। ठाकुर ने पाया कि CRZ और NDZ भूखंडों को बनाने के लिए क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत करने के लिए सरकारी रिकॉर्ड में जालसाजी की गई थी। हालांकि, BMC और गोरेगांव पुलिस सहित अन्य अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

फिर से उछला मामला

कुछ समय के बाद भूमि अभिलेख उपाधीक्षक नितिन सालुंखे ने 2021 में एक और FIR दर्ज कराइ। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए 2012 और 2020 के बीच नक्शे और दस्तावेजों में जालसाजी की गई है। यह मामला 2022 में विधानसभा में गूंजा और सरकार को एक जांच समिति गठित करनी पड़ी। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

कैसे हुई गिरफ्तारी?

समिति के निष्कर्ष बॉम्बे हाई कोर्ट में तब प्रस्तुत किए गए जब मूल शिकायतकर्ता वैभव ठाकुर ने सरकार के निष्कर्षों के बावजूद निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की। अक्टूबर 2024 में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर गठित SIT को कुल चार FIR की जांच करने का काम सौंपा गया था। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम के नेतृत्व में चार गिरफ्तारियां की हैं। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

आरटीआइ के आड़ मे घोटाले

एसआईटी के अनुसार, चारों आरोपियों ने सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर पिछले कुछ वर्षों में 102 प्रॉपर्टी नकशे और अभिलेखों में हेराफेरी की। इसमें फर्जी सिटी सर्वे नंबर, गैर-मौजूद निर्माण और बदली हुई सीमाएं जैसे गलत विवरण शामिल थे। आरटीआई अनुरोध दाखिल करने की आड़ में जाली मानचित्र वितरित किए गए। बीएमसी अधिकारियों ने कथित तौर पर इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निर्माण और बिक्री को मंजूरी दी, इन सरकारी विभाग मे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण सरकार को काफी हद तक राजस्व का नुकसान और पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का काम हुआ है। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

1955 से 1984 के दस्तावेजों में हेरफेर

जांच में पाया गया कि उप अधीक्षक के कार्यालय में रखे गए 1955-1984 के 884 स्थायी गणना मानचित्रों में से 102 फर्जी थे। इन मानचित्रों के आधार पर निर्माण किया गया, जो 1964 से पहले अस्तित्व में ही नहीं थे। महाराष्ट्र सरकार ने एसआईटी के निष्कर्षों के बाद, शहरी विकास के प्रमुख सचिव और पुणे में भूमि अभिलेखों के निदेशक को सार्वजनिक अभिलेखों में हेराफेरी करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

नागपुर से मूल मानचित्र जब्त

एसआईटी ने नागपुर में महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर से सभी 884 मूल मानचित्र और उनकी डिजिटल प्रतियां जब्त कर ली हैं। आगे की जांच में अतिरिक्त संदिग्धों की पहचान करने और सभी दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पिछले गुरुवार को, एसआईटी ने 50 वर्षीय अवैध ठेकेदार नरशिम पुत्तवल्लू को गिरफ्तार किया, जो सभी चार एफआईआर में आरोपी है, साथ ही सिटी सर्वे ऑफिस के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों देवदास जाधव और मरडे और रियल एस्टेट एजेंट इमाम शेख को भी गिरफ्तार किया है। उन पर बीएमसी और भूमि अभिलेख विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से रिकॉर्ड में जालसाजी करने का मामला दर्ज किया गया था। (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)

पुलिस ने क्या कहा?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सीआरजेड और एनडीजेड भूमि पर अवैध निर्माण ने पारिस्थितिकी संतुलन (ecological balance) को बुरी तरह प्रभावित किया है। राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। बीएमसी और भूमि अभिलेख विभाग के कुल 18 अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया के कारण जांच में देरी हुई।’ (Mumbai- Manipulation of government documents to legalize property on sea coast, 4 arrested, 18 officials interrogated)


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