मुंबई के कांदिवली में शिवानी कैटरर्स की रसोई में सिलेंडर ब्लास्ट से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2 लोग अब भी गंभीर हालत में हैं। फायर NOC और परमिशन के बिना चल रहा था यह किचन।
मुंबई: कांदिवली इलाके में हुए भीषण गैस सिलेंडर ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। सोमवार को शिवानी कैटरर्स की मालकिन शिवानी गांधी (51) ने भी दम तोड़ दिया। उन्हें 70% बर्न इंजरी के बाद एयरोली स्थित नेशनल बर्न्स सेंटर में भर्ती कराया गया था। अब तक कुल 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है।
कब और कैसे हुआ सिलेंडर ब्लास्ट?
यह हादसा 24 सितंबर सुबह 9:05 बजे कांदिवली (पूर्व) के राम किसन मेस्त्री चाल, अकूर्ली क्रॉस रोड नं. 3 पर हुआ।
- उस समय 7 लोग 10×12 फीट की छोटी यूनिट में काम कर रहे थे।
- अचानक एलपीजी गैस लीक हुई और सिलेंडर ब्लास्ट हो गया।
- सभी लोगों को गंभीर जलन हुई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गैस की बदबू पहले से आ रही थी। पीड़ितों ने सिलेंडर को पानी में भी रखा था लेकिन जैसे ही वे वापस किचन में गए, सिलेंडर फट गया और आग की लपटों ने सबको अपनी चपेट में ले लिया।
रविवार को तीन पीड़ितों ने तोड़ा दम
हादसे के एक दिन बाद, रविवार को तीन घायलों की मौत हो गई थी।
- रक्षा जोशी (47) – कस्तूरबा हॉस्पिटल में
- नीतू गुप्ता (31) – नेशनल बर्न्स सेंटर, एयरोली
- पूनम (28) – नेशनल बर्न्स सेंटर, एयरोली
इन तीनों को 80% से 90% तक बर्न इंजरी थी।
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बिना परमिशन और Fire NOC के चल रहा था किचन
मुंबई फायर ब्रिगेड (MFB) ने खुलासा किया है कि शिवानी कैटरर्स के पास कोई Fire NOC नहीं थी।
- न तो BMC वार्ड ऑफिस से परमिशन ली गई थी
- न ही पुलिस से लाइसेंस
- मात्र 2 दिन पहले ही यह किचन उसी चाल के एक और शॉप से शिफ्ट हुआ था
यह लापरवाही सीधे तौर पर लोगों की जान लेने का कारण बनी।
मृतकों और घायलों की जानकारी
- शिवानी गांधी (51) – मालिक, 70% बर्न (मृतक)
- रक्षा जोशी (47) – 90% बर्न (मृतक)
- नीतू गुप्ता (31) – 80% बर्न (मृतक)
- पूनम (28) – 80% बर्न (मृतक)
- 2 लोग अब भी गंभीर हालत में हैं।
हादसे ने उठाए बड़े सवाल
यह हादसा फिर एक बार यह सवाल खड़ा करता है कि मुंबई में बिना अनुमति और सुरक्षा इंतजाम के कितने छोटे-छोटे यूनिट चल रहे हैं। प्रशासन और BMC की निगरानी में भारी कमी नजर आ रही है।
FAQ – कांदिवली कैटरिंग किचन फायर हादसा
Q1: कांदिवली कैटरिंग किचन हादसा कब और कहाँ हुआ था?
➡️ यह हादसा 24 सितंबर 2025 की सुबह 9:05 बजे मुंबई के कांदिवली (पूर्व) के राम किसन मेस्त्री चाल, अकरुली क्रॉस रोड नं. 3 पर हुआ।
Q2: हादसे में अब तक कितने लोगों की मौत हुई है?
➡️ अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में घायल हुए 7 लोगों में से 2 अभी भी गंभीर हालत में हैं।
Q3: हादसे की वजह क्या थी?
➡️ हादसा एलपीजी गैस लीक और सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से हुआ। पीड़ितों ने सिलेंडर को पानी में रखा था लेकिन जैसे ही वे दोबारा कमरे में लौटे, विस्फोट हो गया और आग फैल गई।
Q4: हादसे में कौन-कौन लोग मारे गए?
➡️ अब तक 4 लोगों की मौत हुई है, जिनमें शिवानी कैटरर्स की मालिक शिवानी गांधी (51), रक्षा जोशी (47), नीतू गुप्ता (31) और पूनम (28) शामिल हैं।
Q5: हादसे के बाद घायलों का इलाज कहाँ किया गया?
➡️ सभी घायलों को पहले एस्की और ओम हॉस्पिटल, बोरीवली में भर्ती किया गया था। बाद में उन्हें नेशनल बर्न्स सेंटर (एयरोली) और कस्तूरबा हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया।
Q6: शिवानी कैटरर्स किचन के पास क्या Fire NOC थी?
➡️ नहीं, मुंबई फायर ब्रिगेड के मुताबिक इस किचन के पास Fire NOC नहीं थी। न ही BMC वार्ड ऑफिस से अनुमति ली गई थी और न ही पुलिस से लाइसेंस।
Q7: हादसे के समय किचन में कितने लोग मौजूद थे?
➡️ हादसे के समय किचन में कुल 7 लोग मौजूद थे। सभी गंभीर रूप से झुलस गए थे।
Q8: क्या कैटरिंग यूनिट हाल ही में शिफ्ट हुई थी?
➡️ हाँ, हादसे से सिर्फ दो दिन पहले ही शिवानी कैटरर्स ने अपना किचन उसी चाल के दूसरे शॉप से शिफ्ट किया था।
Q9: क्या इलाके के लोगों को गैस लीक की भनक लगी थी?
➡️ हाँ, स्थानीय लोगों और पीड़ितों ने गैस की गंध महसूस की थी। पीड़ित थोड़ी देर के लिए बाहर भी निकल गए थे, लेकिन खतरे को नजरअंदाज कर वापस अंदर जाने पर सिलेंडर ब्लास्ट हो गया।
Q10: क्या पुलिस या BMC ने अब तक कोई कार्रवाई की है?
➡️ हादसे की जांच मुंबई पुलिस और BMC द्वारा की जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति चल रहे यूनिट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Q11: क्या मुंबई में ऐसे और भी अवैध कैटरिंग किचन चल रहे हैं?
➡️ विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई में कई छोटे-छोटे कैटरिंग यूनिट, क्लाउड किचन और टिफिन सर्विस बिना Fire NOC और सुरक्षा इंतजामों के चल रहे हैं। यह हादसा प्रशासन के लिए चेतावनी है।
Q12: क्या भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सकता है?
➡️ हाँ, अगर हर छोटे-बड़े किचन और कमर्शियल यूनिट को Fire NOC, गैस सेफ्टी चेक और BMC की अनुमति से ही ऑपरेट करने दिया जाए तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।
Q13: कांदिवली हादसे ने कौन-से बड़े सवाल खड़े किए हैं?
➡️ यह हादसा दिखाता है कि:
- BMC और पुलिस की निगरानी कमजोर है।
- कई यूनिट बिना अनुमति चल रहे हैं।
- फायर सेफ्टी को लेकर जागरूकता की भारी कमी है।
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