Mumbai: सबूतों के आभाव पर रेप के आरोपी को कोर्ट ने किया बरी

मुंबई के सेशन कोर्ट (Mumbai Session Court) ने नाबालिग से रेप और मारपीट के आरोप में सबूतों के आभाव के चलते एक 37 वर्षीय व्यक्ति को बरी कर दिया है। पिछले आठ सालों से वह उन्हीं परिवार के साथ रह रहा था।

इस्माइल शेख
मुंबई-
(Mumbai) के माहिम इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति को रेप और मारपीट के आरोप में सेशन कोर्ट (Session Court) ने बरी कर द‍िया है। 37 वर्षीय उस व्यक्ति पर आरोप था कि उसने एक नाबाल‍िग लड़की के साथ रेप और मारपीट की। वह अपने दोस्त और उसके परिवार के साथ माहिम में करीब आठ सालों से रह रहा था। आरोप है कि अपने दोस्त के गुजर जाने के बाद उसने अपने दोस्त के परिवार के साथ ये सब किया।
 
मामले की जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2017 को जब मृतक की 14 वर्षीय बेटी दिन के समय घर पर अकेली थी। तब उस व्यक्ति ने उसके साथ रेप किया। पीड़िता ने कहा कि उसने जब इस बारे में अपनी मां को बताया, तो पहले उन्होंने उस पर विश्वास नहीं किया। लेकिन कुछ दिनों बाद उसने फिर से वही अपराध दोहराई। उसने पीड़िता को धमकी भी दी और कहा कि वह इस बारे में अपनी मां को नहीं बताएगी। पीड़िता ने 2018 तक अपनी मां को इस बारे में नहीं बताया। लेकिन बाद में उसने अपनी मां को पूरी बात बताई और माहिम पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई।

दूसरी तरफ अपने बचाव में आरोपित व्यक्ति ने अपने उपर लगे आरोपों से इनकार कर दिया और दावा किया कि उसके दोस्त की पत्नी और बेटी दोनों को ही उसका वहां रहना पसंद नहीं था, जिसके चलते उन्होंने झूठा आरोप लगाया।

Advertisements

सबूतों के आभाव में रेप का आरोपी हुआ बरी

मामले की सुनवाई के दौरान स्पेशल जज कल्पना पाटिल ने कहा, कि “मामले में अभियोजन पक्ष लड़की की उम्र साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं ला सका कि वह रेप के समय नाबालिग थी या नहीं? इसके अलावा पीड़िता ने रेप की घटनाओं की तारीखें भी नहीं बताई थीं और न ही उन घटनाओं का अनुमानित समय बताया था।”

इसके साथ ही रेप की घटना के दिन, तारीख, समय के बारे में पीड़िता की मां का बयान भी अदालत को अस्पष्ट लग रहा था। मां ने अदालत को बताया था कि पीड़िता अप्रैल 2017 में वर्सोवा में काम कर रही थी। अदालत ने कहा, ”पीड़िता के बयान के मुताबिक रेप की घटना दिन में हुई थी, फिर सवाल उठता है कि वह घर में कैसे मौजूद थी? जबकि वह उस समय नौकरी कर रही थी।”

पीड़िता की जांच करने वाली डॉक्टर ने अदालत को बताया, कि “लड़की की मेडिकल जांच में संभोग के सबूत मिले हैं, लेकिन उसके शरीर पर कोई भी बाहरी चोट नहीं थी। अदालत ने इस पर कहा, कि “आरोपी को रेप के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए ये सबूत कम हैं।”


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading