नितिन तोरस्कर
मुंबई– Mumbai में मशहुर हस्तियों सहित आम लोगों को इस महीने के अत्यधिक बिजली बिल का झटका लगा है और उन्होंने बिजली कंपनियों पर बढ़े हुए बिल जारी करने का आरोप लगाया है! इस दावे को राज्य द्वारा संचालित प्राइवेट बिजली कंपनियों ने खारिज कर दिया है! उनका कहना है, कि ‘बिल वास्तविक मीटर रीडिंग पर आधारित है! जब की वास्तविक तौर पर ये कहा जा रहा है की, “कोरोनो” वायरस की परिस्थिति में जारी “लॉकडाउन” के दौरान भेजे गए बिलों के विपरीत बिल राशि पिछले बिलिंग साइकिल फरवरी-मार्च के समुच्चय (एग्रीगेट) पर आधारित है! ग़नीमत है कि जब तक ग्राहकों की समस्या का समाधान नहीं होगा घरों की बिजली कटौती नहीं की जाएगी!
हालांकि ऊर्जा राज्य मंत्री ने आश्वासन दिया था कि ‘बिजली कंपनियां लोगों को धोखा नहीं दे रही हैं!’ मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी मिली की, बिजली कंपनियों को सभी शिकायतों पर पारदर्शी रूप से समाधान करने का निर्देश दिया गया है!
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, “बिजली के बिलों से संबंधित उपभोक्ता शिकायतों की बढ़ती संख्या का जायजा लेते हुए, महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) ने बिजली कंपनियों को अपनी बिलिंग प्रक्रियाओं में पारदर्शिता दिखाने और उपभोक्ता की शिकायतों का तुरंत निवारण करने का निर्देश दिया है! इसके लिए खास टीम का गठन किये जाने को भी कहा गया है!”
लोगों की शिकायत के बाद महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पावर सप्लाई करने वाली कंपनियों को निर्देश दिया की, जब तक ग्राहकों की समस्या का समाधान ना हो जाए, तब तक उनके घरों की बिजली कटौती ना की जाए! साथ ही कमीशन ने कई आदेश जारी किए हैं!
एमईआरसी ने कहा कि ग्राहकों को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की सुविधा उपलब्ध कराई जाए जिससे खुद बिल का मूल्यांकन कर सकें. यूनिट के इस्तेमाल, मीटर रीडिंग, उचित बिजली दर, टैरिफ प्लान लाभ या पिछले बिल की तुलना जैसे सुविधा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में उपलब्ध हो! एमईआरसी ने कहा कि बिजली बिल संबंधी किसी भी प्रकार का टैरिफ चार्ज नहीं बढ़ाया गया है! अप्रैल में बिजली दरों में कटौती के बाद रिहायशी बिजली बिल में गिरावट हुई है!
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