नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- स्वास्थ्य कारणों की वजह से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की जगह स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार 13 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भाग लिया, पर उन्हें बोलने तक का मौका नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री एक स्थान पर लगातार 2 से 3 घंटे नहीं बैठ सकते थे।
देश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले महाराष्ट्र में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वास्थ्य कारणों से बैठक से अनुपस्थित रहे। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, “मुझे इस बैठक में बोलने का मौका नहीं मिला, इसलिए मुझे लिखित में सूचित करना पड़ा।”
एक चिंताजनक माहौल है, क्योंकि देश में कोरोना धमनी रोग और मायोकार्डियल इंफक्शन के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कई राज्यों में प्रतिबंध लगाए गए हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की! महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वास्थ्य कारणों से बैठक में मौजूद नहीं थे। उनके बजाय राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया, कि “ऑपरेशन के बाद इलाज के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस खास बैठक में नदारद थे। वे एक स्थान पर लगातार 2 से 3 घंटे तक नहीं बैठ सकते थे। इसलिए मैंने लिखित पत्र देकर महाराष्ट्र का बचाव किया। टोपे ने बताया, कि प्रधानमंत्री ने 8 मुख्यमंत्रियों को बोलने की अनुमति दी लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से बोलने का मौका नहीं मिला, इसलिए हमने इसे लिखित में जमा कर दिया है।”
उन्होंने कहा, कि “इलाज के तरीके के लिए केंद्र को मार्गदर्शन देना चाहिए, कुछ मामलों में कोविड का खर्च अलग होता है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन 20 लाख और मेडिकल पाइपलाइन 15 लाख है। जेएम पोर्टल पर ये कीमतें दोगुनी हो गई हैं।” टोपे ने मांग की है, कि “संशोधित दरें केंद्र द्वारा दी जानी चाहिए और समाधान की एसओपी दी जानी चाहिए।”
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