इस्माइल शेख
मुंबई- महाराष्ट्र में मुस्लिम संगठन चाहते हैं कि सरकार इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद सल्ललाहू अलैही व सल्लम के खिलाफ निन्दाजनक बयान बाजी करने वाले लोगों को कठोर सजा देने के लिए ‘पैगंबर मोहम्मद बिल’ नाम से कानून बनाए। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इस कानून से अन्य सभी धर्मों के प्रमुखों एवं हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर रोक लगेगी।
विधेयक लाकर इसपर कानून बनाने की मांग प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) और रजा अकेडमी एवं तहफ्फुज-नमूस-ए-रिसासत जैसे मुस्लिम धार्मिक समूहों ने की है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रमुख एवं विधायक अबू हाशिम आज़मी ने भी इस विधेयक के समर्थन में सभी धर्मों को एकत्रित होने की अपील की है।
‘पैगंबर मोहम्मद बिल’ के रूप में चर्चित हो रहा है मसौदा विधेयक
आप को बता दें, कि राज्य के उर्दू प्रेस में यह प्रस्ताव ‘पैगंबर मोहम्मद बिल’ के नाम से मशहूर हो रहा है। हालांकि इस बिल का मसौदा ‘पैगंबर मोहम्मद एंड अदर रिलिजियस हेड्स प्रॉहिबिशन ऑफ स्लैंडर एक्ट, 2021’ के रूप में तैयार किया गया है। इस मसौदा विधेयक को प्रस्ताव के लिए अभी सरकार को सौंपा जाना बाकी है। ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के अध्यक्ष एवं रिसालत बोर्ड के प्रमुख मौलाना मोईन मियां अशरफ कादरी ने कहा, ‘यह हमारा सुझाव है। सरकार चाहे इसमें बदलाव कर सकती है।’
कठोर कानून चाहते हैं- मुस्लिम संगठन
मौलाना मोईन मियां अशरफ कादरी ने कहा, कि ‘सरकार चाहे तो इस मसौदा विधेयक को कोई और नाम दे सकती है। हमारी मांग है कि पवित्र पैगंबर साहब का अपमान और निन्दनीय चीज़ें करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक कठोर कानून हो। यह कानून किसी भी धर्म के प्रमुखों एवं देवी-देवताओं के अपमान पर कार्रवाई करने वाला हो। इस तरह का अपराध करने वालों के खिलाफ जो वर्तमान में कानून मौजूद हैं वे अपर्याप्त एवं कमजोर हैं, इसलिए सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं होती हैं।’
अबू हाशिम आजमी ने की सभी धर्मों के लोगों से अपील
इस प्रस्तावित विधेयक पर समाजवादी पार्टी (SP) के महाराष्ट्र प्रदेश प्रमुख एवं विधायक अबू हाशिम आजमी ने कहा, कि ‘यह विधेयक काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि जो कोई भी हमारे पैगंबर साहब के खिलाफ अपमानजनक बातें कहेगा उसे सजा मिलेगी।’ उन्होंने यह भी कहा, कि ‘सलमान रूश्दी जैसे लोग जो घृणा फैलाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह विधेयक केवल मुस्लिमों के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए होना चाहिए ताकि कोई भी गांधी जी, विवेकानंद जैसे महापुरुषों के खिलाफ गलत बातें न करे।’ सपा नेता ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को इस विधेयक का समर्थन करना चाहिए।
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