Maharashtra: मजदूरों ने कृषि की ओर रुख किया। म्हसळा के फसल क्षेत्र में हुई वृद्धि

नईम दळवी
रायगड-
म्हसळा तालुके के कृषि क्षेत्र में इस “लॉकडाउन” के चलते भारी बदलाव देखे जा रहे हैं! जबकि कोरोना काल के दौरान तालुका में शहरी और ग्रामीण जीवन कम या ज्यादा बदल गया है! तालुका के 39 ग्राम पंचायतों में 80 गाँवों से 20 हजार से भी अधिक प्रवासी मजदूर अपने गांव परिवार के बीच पहुंचे थे!

महाराष्ट्र सरकार तथा केंद्र से लोगों को मदद दिलाने में स्थानीय पालक मंत्री और सांसद की एहम भूमिका!!

Advertisements

“चालू सीजन में ग्रामीण इलाकों से चावल के बीजों की संकर और उन्नत किस्मों की माँग अधिक रही है! पिछली बार की तुलना में दो क्विंटल चावल के बीज अधिक बेचे गए हैं!” नीलेश सायगावकर (उर्वरक और बीज विक्रेता)

चूंकि अधिकांश नौकर शहरों में बंद थे, इसलिए अपने परिवार के पास लौटे प्रवासी मजदूरों ने पारंपरिक खेती पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अपने परिवारों पर ध्यान दिया और अपने घरों में गुणवत्ता और उन्नत बीज और उर्वरक लाए साथ ही पारंपरिक खेती पर ध्यान केंद्रित किया! इसलिए, कृषि विभाग का अनुमान है कि 75 हेक्टेयर क्षेत्र में धान, 20 हेक्टेयर क्षेत्र में नचनी और लगभग 15 हेक्टेयर क्षेत्र में मौसमी फसल इस बार अधिक उगाई गई है! पिछले साल म्हसळा में 2400 हेक्टेयर क्षेत्र में धान, 400 हेक्टेयर क्षेत्र में नचनी और लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में मौसमी फसलों की पैदावार हुई थी!

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख की रिपोर्ट आई “कोरोना पॉजिटिव”

“हमारे गाँव में, कोविद के लॉग डाउन में, ग्रामीणों ने चालू खरीफ मौसम के दौरान कृषि पर विशेष ध्यान दिया है! खरसई मेंदी बानोटी बेल्ट में अधिकांश खेतों और खेती योग्य भूमि को नीचे लाया गया है। भविष्य में, कृषि उपकरणों की खरीद ग्राम पंचायतों के माध्यम से की जानी है!” निलेश मांदाडकर (सरपंच खरसाई)

धान की रोपाई म्हसळा तालुका में पूरी हो चुकी है और अब क्षेत्र के किसानों ने बागों की खेती करना शुरू कर दिया है! यहां के प्रवासी मजदूर अपने बागों में उर्वरक तथा आंतरिक खेती कर रहे हैं! कुछ किसान रोजगार गारंटी योजना के तहत काजू और आम की खेती कर रहे हैं! इस बार प्रवासी युवा मजदूरों के गांव में होने से युवाओं ने रोपण के मौसम में कीचड़ के लिए मशीन का इस्तेमाल किया है! इसकी जानकारी कृषि विस्तार अधिकारी मंगेश साळी ने दी!

मुंबई के कांदिवली में ट्रेन और ट्रक के बीच हुई टक्कर, बाल-बाल बचे लोग! Live news click And watch video

ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की प्रवृत्ति ज्यादातर कृषि की ओर झुका है। खरीफ के लिए तालुका में, धान, नागली और मौसमी फसलों के अलावा, किसानों ने अन्य सब्जियां भी लगाई हैं! किसान रबी की खेती के बारे में भी पूछताछ कर रहे हैं। ” सुजय कुसाळकर- (कृषि पर्यवेक्षक) कृषि विभाग- म्हसळा


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading