आसिफ अंसारी
ठाणे– कल्याण स्टेशन के पास नीलम क्लब नाम से जुए का अड्डा चलाने वाले मटका किंग जिगनेश ठक्कर उर्फ मुन्ना की शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई है! मुन्ना जुए और लॉटरी का बड़ा धंधा चलाया करता था! मुन्ना का भाई भी अपराध की दुनिया से ताल्लुक़ रखता है! जिगनेश का भाई नन्नू शाह बड़ा गैंगस्टर हुआ करता था, जो छोटा राजन के लिए काम करता था और उस पर टाडा के तहत पुलिस ने कार्रवाई भी की थी! जिगनेश उर्फ मुन्ना को शुक्रवार की घटना में चार गोली लगी है जिसकी मौके पर ही मौत हो गई! शव फोर्टिस के लिए अस्पताल ले जाया गया है, मामला महात्मा फुले चौक पुलिस स्टेशन की हद का है!
कल्याण स्टेशन के पास नीलम गली में मटका किंग मुन्ना उर्फ जिग्नेश की गोली मारकर हत्या के बाद से ही घटना स्थल पर पुलिस मौजूद है! फिलहाल हमलावर फरार बताए जा रहे है! आपको बता दें कि सट्टा या मटका कहा जाने वाला खेल एक तरह का जुआ होता है! आप इसे जुओं का बादशाह भी कह सकते हैं! क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर जुआ खेला जाता है! हालांकि भारत में किसी भी तरह का जुआ गैरकानूनी माना जाता है लेकिन इसके बावजूद इस खेल को कल्याण के उल्हासनगर में बड़े पैमाने पर खेला जा रहा था! यहां गैरकानूनी कारोबार में मुन्ना ने काफी पैसा और शोहरत हासिल कर ली थी! प्रशासन की नाक के नीचे जिगनेश को मटका किंग के रूप में जाना जाता था!
सट्टा लगाने वालों में इस खेल को लेकर रिस्क ज्यादा बताते है लेकिन इस खेल में ज्यादा फायदा भी होता है जिसके कारण अधिकतर लोग इसकी ओर आकर्षित होते हैं! अब कल्याण के मटका किंग जिगनेश ठक्कर पर किसने गोली चलाई यह जांच का विषय है! पुलिस मामले की तहकीकात के रही है! पर जुए के कारोबार अब आधुनिक हो गए हैं अब भारत में भी सट्टा का कारोबार ऑनलाइन खूब फलफूल रहा है! इससे लाखों घर बरबाद हो रहे हैं!
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भारत में सट्टा या मटका की शुरुआत आजादी से पहले की बताई जाती है! कहा जाता है की उस जमाने में सट्टा या मटका पारंपारिक तरीके से खेला जाता था! आज टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के कारण के समय सट्टा मटका को ऑनलाइन खेला जा सकता है लेकिन पहले सट्टा मटका ऑनलाइन नहीं खेला जाता था! उस समय मटके के अंदर पर्चियां डाली जाती थी और उसमें नंबर निकाला जाता था! जिससे इसका नाम मटका पड़ा था! शुरुआती समय में मटके के प्रयोग के कारण इस खेल को आज भी मटके का सट्टा कहा जाता है! शुरुआत में शेयर मार्केट की तरह कॉटन (कपास) के दाम पर सट्टा खेला जाता था जो न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज से टेलीप्रिंटर के जरिए बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज भेजा जाता था! उस समय कॉटन के शुरु होने और बंद होने के दाम पर सट्टा खेला जाता था!
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