मालाड मढ सीआरज़ेड घोटाले की पूरी जांच रिपोर्ट – कैसे 24 हजार फाइलें गायब हुईं, SIT जांच पर उठे सवाल, और हाईकोर्ट ने अधिकारियों पर क्यों जताई नाराज़गी। जानिए घोटाले की पूरी टाइमलाइन और भ्रष्टाचार का खेल।
मुंबई: मालाड (Malad) के मढ (Madh) इलाके में समुद्र किनारे बने बंगले और अवैध बांधकाम (Illegal Constructions in CRZ Area) लंबे समय से विवादों में रहे हैं।
- 2010–2015: कई बिल्डरों और दलालों ने CRZ (Coastal Regulation Zone) नियमों को तोड़कर बंगले और होटल बनाए।
- 2016–2019: RTI कार्यकर्ताओं ने शिकायतें करना शुरू किया। पहली बार सामने आया कि महापालिका (BMC) और सरकारी अधिकारियों ने बनावट नक्शे (Fake Maps) पास किए।
- 2019: RTI में खुलासा हुआ कि इन बांधकामों को वैध दिखाने के लिए बनावट प्रमाणपत्र दिए गए।
🔹 SIT जांच और बनावट नक्शों का खुलासा
हाईकोर्ट के आदेश पर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई गई।
- SIT ने पाया कि दलाल और कुछ अधिकारी मिलकर पैसों के बदले बनावट नक्शे पास कर रहे थे।
- अप्रैल 2025 में पुलिस ने एक गवाह का बयान दर्ज किया, जिसने माना कि उसने अधिकारियों और दलालों को नक्शा पास कराने के लिए रिश्वत दी।
- इस गवाह ने कैसे, कब और किसे पैसे दिए, इसके सबूत भी पेश किए।
🔹 24 हजार फाइलें कैसे गायब हुईं?
RTI एक्टिविस्ट वैभव ठाकुर ने हाल ही में जानकारी मांगी तो बड़ा खुलासा हुआ –
👉 जिलाधिकारी कार्यालय से 24 हजार से ज्यादा कागजात गायब हो चुके हैं।
ये वही कागज थे जिनमें अवैध बांधकामों से जुड़े नक्शे, अनुमति और प्रमाणपत्र दर्ज थे।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि –
- कुछ अधिकारियों को बचाने के लिए फाइलें गायब की गईं।
- SIT की जांच में भी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, सिर्फ दलालों पर दबाव बनाया गया।
🔹 हाईकोर्ट की कड़ी फटकार
शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा –
- “इतनी बड़ी संख्या में फाइलें गायब कैसे हो गईं?”
- “अगर एक हफ्ते में फाइलें नहीं मिलतीं तो अलग से FIR दर्ज करें।”
- कोर्ट ने पूछा – “दलालों पर कार्रवाई हुई, तो अधिकारियों पर क्यों नहीं?”
साथ ही कोर्ट ने कहा कि हर बार याचिकाकर्ताओं को ही कोर्ट का दरवाज़ा क्यों खटखटाना पड़ता है, यह जिम्मेदारी सरकार और अधिकारियों की भी है।
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🔹 70 बांधकाम तोड़े गए, लेकिन…
BMC ने कोर्ट को बताया कि अब तक 70 अवैध बांधकाम तोड़े जा चुके हैं।
लेकिन याचिकाकर्ताओं का दावा है कि –
- कई बड़े निर्माण अब भी खड़े हैं।
- छोटे-मोटे बांधकाम गिराकर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है।
🔹 राजनीति और प्रशासन की मिलीभगत?
इस पूरे मामले में राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक मिलीभगत के आरोप भी लगे हैं।
- दलालों के ज़रिए नेताओं तक पैसा पहुँचने की बात कही जा रही है।
- SIT जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या बड़े नामों को बचाने के लिए जांच को कमजोर किया गया।
📌 घोटाले की टाइमलाइन (संक्षेप में)
- 2010–2015: मढ इलाके में अवैध बांधकाम शुरू।
- 2016–2019: RTI में खुलासे – नकली प्रमाणपत्र और नक्शे।
- 2019: हाईकोर्ट में याचिका दाखिल।
- 2020–2023: SIT जांच शुरू, लेकिन धीमी प्रगति।
- अप्रैल 2025: गवाह ने दलालों और अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का खुलासा किया।
- सितंबर 2025: RTI में पता चला कि 24 हजार फाइलें गायब।
- सितंबर 2025: हाईकोर्ट ने ज़िलाधिकारी कार्यालय को फटकार लगाई।
❓FAQ सेक्शन
Q1. मढ सीआरज़ेड घोटाले में कितनी फाइलें गायब हुई हैं?
लगभग 24 हजार कागज़ात, जो अवैध बांधकामों से जुड़े थे।
Q2. SIT जांच पर सवाल क्यों उठे?
क्योंकि SIT ने सिर्फ दलालों पर कार्रवाई की, अधिकारियों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
Q3. हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया?
एक हफ्ते में फाइलें ढूंढो, वरना अलग FIR दर्ज करो।
Q4. कितने अवैध बांधकाम अब तक तोड़े गए हैं?
BMC का दावा है कि 70 बांधकाम गिराए जा चुके हैं।
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