मुंबई पुलिस से बचना नामुमकिन है, डीबी मार्ग पुलिस ने फिर एक बार साबित कर दिया।

पिछले 28 सालों से फरार आरोपी को मुंबई पुलिस ने बिना किसी सुराग के आखिरकार ढूंढ निकाला। फरार आरोपी अपनी पहचान छिपाकर विभिन्न पतों पर से गायब ही रहता था। इसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा था। लेकिन मुंबई पुलिस से बचना नामुमकिन है, डीबी मार्ग पुलिस ने फिर एक बार साबित कर दिया।

इस्माईल शेख
मुंबई-
डीबी मार्ग पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार कर गिरगाव कोर्ट के हवाले किया, जो पिछले 28 सालों से कानून को चकमा देकर फरार हो गया था। गिरगाव कोर्ट क्रमांक 18 के आदेश में फरार आरोपी को जल्द से जल्द पेश किए जाने की मांग हो रही थी। लेकिन पुलिस के पास आरोपी का कोई सुराग ही नहीं था।

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मुंबई पुलिस, नामुमकिन,
डीबी मार्ग पुलिस के साथ गिरफ्तार आरोपी वीरेंद्र प्रविनचंद्र संघवी उर्फ महेश शाह की तस्वीर

डीबी मार्ग पुलिस ने सन् 1995 में 67 वर्षीय राजीव चंद्रभान खंडेलवाल की फरियाद पर गु.र.क्र. 341/1995 मे भारतीय दंड संहिता की धारा 465, 467, 419, 420 के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया। आरोप के मुताबिक 20 लाख रुपये के फर्जी शेयर देकर आरोपी विरेंद्र प्रविनचंद्र संघवी उर्फ महेश शाह ने शेयर नहीं खरीद कर फरियादी के 20 लाख रुपये ठग लिए थे। इसमें चार्जशिट दाखिल करने के बाद आरोपी को कोर्ट ने 1996 में जमानत पर रिहा कर दिया था। तभी से आरोपी अपने पते और अस्तित्व को छिपाकर फरार हो गया था।

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मुंबई पुलिस से बचना नामुमकिन..

कोर्ट के आदेश पर आरोपी को पेश करने में डीबी मार्ग पुलिस हर बार असफल हो रही थी। कारण गिरफ्तारी के समय पुलिस को प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी सायन के पारेख बिल्डिंग फ्लैट नंबर 4/228 में रहता था। लेकिन यहां से आरोपी गायब हो गया था और आज के समय वह क्या काम करता है, इसकी भी जानकारी पुलिस के पास नहीं थी। ऐसे में पुलिस ने स्थानीय 40 से 50 लोगों से पूछताछ की।

डीबी मार्ग पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप खुडे ने बताया, कि ताज़ा छानबीन में पुलिस को तीन से चार अलग-अलग आरोपी के ठिकाने का पता चला। लेकिन वहां पर भी पुलिस को नाकामयाबी ही हाथ लगी। वहीं अधिक जानकारी के मुताबिक पुलिस को उसके नीजी पते की जानकारी मिली जहां वह रहता नहीं था। लेकिन उसके नाम पर फ्लैट था। इसपर पुलिस ने तरकीब लगा कर मुंबई, दानाबंदर के नंदलाल जानी मार्ग स्थित, ली एण्ड मोरहेड इमारत के ग्राउंड फ्लोर रुम नंबर 16 के लाईट बिल वेरिफीकेशन के बहाने आरोपी को बुलाया।

इसके लिए पुलिस ने बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन (BEST) का कर्मचारी बन कर फोन से संपर्क किया। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप खुडे ने बताया, कि आरोपी ने जवाब देते हुए आने से मना कर दिया, लेकिन पुलिस ने उसे बताया, कि वेरिफीकेशन नहीं करोगे तो आप की बिजली की लाईन खंडित कर दी जाएगी। तब जाकर आरोपी सामने आया और पुलिस ने जाल बिछाकर उसे फरार मामले की तहकीकात और गैर जमानती वारंट के बारे में बताकर गिरफ्तार कर लिया।

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