नेशनल डेस्क
मुंबई: भारतीय नौसेना के खेमें में फरवरी 2026 में अत्याधुनिक हथियारों, सेंसरों और प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणालियों से लैस नीलगिरी श्रेणी (प्रोजेक्ट-17 अल्फा) का चौथा युद्धपोत महेंद्रगिरी शामिल हो जाएगा। पहले युद्घपोत नीलगिरि को जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया था। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में बन रहा दूसरा युद्धपोत उदयगिरि 1 जुलाई को नौसेना को सौंपा गया था। Indian Navy will get stealth warship Mahendragiri, enemy’s heart will tremble

हर खतरे से निपटने मे परिपक्व
रक्षा मंत्रालय ने कहा, कि ये युद्घपोत भारत के समुद्री सीमा क्षेत्र में पारंपरिक और गैर पारंपरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने में सक्षम हैं। मंत्रालय ने सोमवार को मुंबई स्थित एमडीएल में बन रहे महेंद्रगिरि का एक वीडियो साझा किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, महेंद्रगिरि, प्रोजेक्ट 17ए का सातवां और सबसे उन्नत युद्घपोत है। यह भारत की नौसैनिक विरासत और भविष्य को दर्शाता है। यह आत्मनिर्भर भारत का एक सच्चा प्रतीक है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के अतिरिक्त महाप्रबंधक जय वर्गीस ने वीडियो में कहा, यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की शक्ति को बढ़ाने वाला होगा। सात युद्घपोत में से चार एमडीएल, मुंबई द्वारा और शेष गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा दिए जाएंगे।
भारत की आत्मनिर्भरता
वर्गीस ने महेंद्रगिरि के बारे में कहा, हमें उम्मीद है कि यह फरवरी 2026 तक भारतीय नौसेना को मिल जाएगा। किसी भी युद्धपोत निर्माण परियोजना की तरह एक जहाज के आसपास कई सहायक उद्योग विकसित होते हैं। हम कई ओईएम से उपकरण ले रहे हैं और इन सभी को जहाज में एकीकृत किया गया है, इसलिए इनमें से हर ओईएम अपने आप में एमडीएल का भागीदार रहा है और स्वदेशीकरण सामग्री में भी सुधार हुआ है, जिससे भारत के आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है।
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दुश्मन के रडार में कैसा दिखेगा?
एमडीएल ने वीडियो साझा कर झलक दिखाई। एमडीएल अधिकारी ने बताया कि इस श्रेणी के जहाजों में 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है। इन जहाजों की विविध विशेषताएं हैं। जहाज का आकार ऐसा है कि दुश्मन के रडार में काफी छोटा दिखेगा। वीडियो में एमडीएल में बन रहे दूसरे युद्धपोत की भी झलक दिखाई गई। उन्होंने कहा, यह एक ऐसी संरचना है, जो जहाज को एक मछली पकड़ने वाली नाव जैसा आकार देता है, न कि इस आकार का एक युद्घपोत हो सकता है। इसकी आवाज भी काफी कम है।
युद्धपोत के मिसाइल
प्रोजेक्ट 17ए जहाज का पतवार प्रोजेक्ट-17 की तुलना में भू-सममितीय रूप से 4.54 प्रतिशत बड़ा है। इसके अलावा इन जहाजों में प्रोजेक्ट-17 श्रेणी की तुलना में उन्नत चिकने और गुप्त विशेषताओं वाला एक उन्नत हथियार और सेंसर सूट लगा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली शामिल है।
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