बॉम्बे हाईकोर्ट ने गणेशोत्सव को देखते हुए मनोज जरांगे को बिना अनुमति प्रदर्शन से रोका। अब सिर्फ तय जगह पर ही हो सकेगा आंदोलन।
मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। अदालत ने साफ कहा कि अब जरांगे बिना परमिशन के मुंबई में आंदोलन या प्रदर्शन नहीं कर सकते। कोर्ट ने ये आदेश इसलिए दिया क्योंकि गणेशोत्सव के दौरान पुलिस पहले से ही शहर की सुरक्षा और भीड़ कंट्रोल में व्यस्त रहेगी।
हाईकोर्ट की बेंच ने ये भी कहा कि लोकतंत्र में विरोध करना सबका हक है, लेकिन ये सिर्फ निर्धारित जगहों पर और सरकार की इजाजत लेकर ही किया जा सकता है। जरांगे और उनके समर्थकों को सरकार चाहे तो नवी मुंबई के खारघर में वैकल्पिक जगह भी दे सकती है, ताकि मुंबई की लाइफ और ट्रैफिक पर असर न पड़े।
जरांगे ने हाल ही में सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर मराठा समाज को OBC कोटे में 10% आरक्षण नहीं मिला, तो वह 29 अगस्त से मुंबई में अनिश्चितकालीन अनशन करेंगे। इसी को लेकर अदालत में एमी फाउंडेशन ने जनहित याचिका दायर की थी।
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राज्य सरकार ने भी कोर्ट में कहा कि वे शांतिपूर्ण आंदोलन का विरोध नहीं करते, लेकिन गणेशोत्सव जैसे बड़े त्योहार में भीड़ और ट्रैफिक की वजह से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसी कारण कोर्ट ने परमिशन की शर्त रखी।
अब अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी और जरांगे को इस मामले में जवाब दाखिल करना होगा।
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