ठाणे के खाड़ी परिसर में हमेशा फ्लेमिंगों दिखाई देने वाली जहग पर सुनहरी लोमडियों को देखना अदभुत। indian fasttrack news
इस्माईल शेख
मुंबई- पर्यटकों ने ठाणे खाड़ी इलाके के फ्लेमिंगो जंगल में सुनहरी लोमड़ियों को देखा है। सुनहरी लोमड़ी भारतीय उपमहाद्वीप की मूल निवासी है और वन पारिस्थितिकी तंत्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कई प्रकार के छोटे स्तनधारियों, पक्षियों, मछलियों, खरगोशों आदि के साथ-साथ फल भी खाता है। अब इन्हें ठाणे खाड़ी के फ्लेमिंगो सैंक्चुअरी में देखा गया है। जो मैनग्रोव के जंगलों से घिरा हुआ है।
पर्यटकों के एक समूह ने शनिवार 1 अप्रैल, 2023 की शाम ठाणे खाड़ी फ्लेमिंगो की जगह में दो सुनहरी लोमड़ियों को देखा। वन्यजीव प्रेमी कुणाल चौधरी ने कहा, ‘मैं फ्लेमिंगो बोट की सवारी करने के लिए भांडुप पंपिंग स्टेशन आया था। मेरे साथ नाव में पांच से छह अन्य लोग भी थे, जिनमें मेरा दोस्त और विशेषज्ञ पक्षी गाइड शाहिद बामने भी शामिल थे।
जैसे ही हमारी नाव राजहंस के पास पहुंची, शाहिद ने मैंग्रोव जंगल में दो लोमड़ियों को पास-पास बैठे देखा। हमने इस जानवर को स्वाभाविक रूप से देखा। क्योंकि इनका आवास अत्यंत दुर्लभ है। मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि हम उन्हें कम से कम पांच मिनट के लिए देख सके।
शाहिद मैंग्रोव फाउंडेशन के साथ एक नाव ऑपरेटर के रूप में काम करता है और क्षेत्र में पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियों के बारे में जानकार भी है। चौधरी ने कहा, कि शाहिद के बिना, लोमड़ियों का यह दृष्य हमें नहीं मिलता।

भारत में संख्या लगभग 80 हजार है
भारत में सुनहरी लोमड़ी अक्सर अवैध शिकार, वन्यजीवों की तस्करी, मानव-पशु संघर्ष और सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होती हैं। यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत संरक्षित है। भारत में सुनहरी लोमड़ियों की अनुमानित संख्या 80,000 है।
सुनहरी लोमड़ी.. indian fasttrack news
मुंबई महानगर क्षेत्र में ठाणे खाड़ी इलाके फ्लेमिंगो परिसर, भांडुप पम्पिंग स्टेशन, चारकोप, वर्सोवा, वसई, भायंदर और घोड़बंदर रोड के हिस्से सहित एक बड़ा मैंग्रोव वन है। indian fasttrack news
इस जगह पर अक्सर सुनहरी लोमड़ियां देखी जाती हैं। लेकिन उनके बारे में कोई अध्ययन नहीं किया गया है। इसीलिए मैंग्रोव फाउंडेशन ने अब मुंबई के आसपास के मैंग्रोव जंगलों में इन प्रजातियों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए एक अध्ययन शुरू किया है। इस शोध से न सिर्फ सुनहरी लोमड़ियों के संरक्षण के लिए बेहतर रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके बारे में आंकड़े भी जुटाए जा सकेंगे।
इस बीच पूर्व में भी मानव-लोमड़ी संघर्ष की कई घटनाएं हो चुकी हैं। मुलुंड और विक्रोली के मैंग्रोव जंगलों के पास मानव बस्तियों से लोमड़ियों को छुड़ाए जाने के उदाहरण भी हैं। इसलिए, मैंग्रोव फाउंडेशन द्वारा किया गया अध्ययन लोमड़ियों के आहार, उनके सामने आने वाले खतरों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में उपयोगी हो सकता है।
मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र में सुनहरी लोमड़ियां खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे मैंग्रोव वन के मांसाहारी जीवों में से हैं। यह अध्ययन सुनहरी लोमड़ियों की पारिस्थितिकी की बेहतर समझ प्रदान करेगा।
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