नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- “‘अजीब दास्ताँ है ये…. कहाँ शुरु कहाँ खतम्, ये मंजिलें हैं कौनसी… ? ना वो समझ सके, ना हम…’ ऐसे हजारों अपने मधुर गीतों से आठ दशकों से अधिक समय तक लाखों प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाली स्वर समराजनी लता मंगेशकर न केवल भारतीयों के लिए बल्कि विश्व संगीत जगत के लिए भी एक अद्भुत सपना थी। लतादीदी के निधन से आज वह सपना चकनाचूर हो गया। संगीत की दुनिया ने अपना स्वर्गीय स्वर खो दिया है।” भारतरत्न एवं महाराष्ट्रभूषण गायिका लता मंगेशकर के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन्हें श्रद्धांजलि देते वक्त ऐसे शब्दों का प्रयोग किया।
उन्होंने कहा, कि “लतादीदी की मधुर धुनों ने दर्शकों और देश के कला परिदृश्य को समृद्ध किया। महाराष्ट्र में हर कोई, देश में हर घर में आज मातम है। स्वर्गीय आनंद देने वाले लतादिदी के गीत, उनकी दिव्य धुनें तब तक बनी रहेंगी जब तक आकाश में सूर्य और चंद्रमा हैं, लेकिन यह विचार कि लतादिदी हमारे साथ नहीं है, असहनीय है। लतादीदी दुनिया में अकेली थी। फिर से उन जैसी गीतकार हो नहीं सकती… फिर ऐसी कोई लतादिदी अब बन नहीं सकती…”
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मौके पर उनकी याद में कहा, कि “लतादिदी अमर हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देने का समय कभी नहीं होगा, ऐसी बेहूदगी समझ आज झूठा साबित हो गया। महाराष्ट्र की धरती पर कई महान गायकों और संगीतकारों का जन्म हुआ। लेकिन पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर पैदा हुई लतादीदी ने भारतीय संगीत के क्षेत्र में चमत्कार किया।
आठ दशकों का लंबा करियर
उनकी जीवनी पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रकाश डालते हुए कहा, कि “अट्ठाईस धुनों की दुनिया में, लतादीदी ने अपने आठ दशकों के लंबे करियर में एक से बढ़कर एक महान गीत गाए हैं। संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। ‘अद्वितीय’ के रूप में एक स्वतंत्र पहचान बनाई। भारतीय, विश्व संगीत परिदृश्य को समृद्ध किया। फिलहाल भगवान और स्वर्ग हैं कि नहीं यह नहीं पता, लेकिन लतादिदी में लोगों ने देव रुप को देखा। उनके सुरों ने दर्शकों को स्वर्गीय आनंद की अनुभूति दी। लतादीदी ने सचेत रूप से अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को भी बनाए रखा।”
पूरानी यादें..
भारतीय इतिहास के पूरानी यादों को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने फिर से याद दिलाते हुए कहा, कि “1962 में चीन के खिलाफ युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों द्वारा गाए गए गीत “मेरे वतन के लोगो …” ने तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू ला दिए। पंडित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के माध्यम से रोगी देखभाल के क्षेत्र में योगदान कर रहे थे। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।”
लता मंगेशकर की उपलब्धियां
अजित पवार ने उनकी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा, कि “विश्वरत्न, भारत रत्न, महाराष्ट्र भूषण लतादीदी महाराष्ट्र की कन्या थीं। उनका निधन महाराष्ट्र और देश के लिए एक बड़ी क्षति है। लतादीदी की कमी हमेशा रहेगी, लेकिन उनके गीत हमें हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे। मैं लता जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इस दुख की घड़ी में मैं और पूरा महाराष्ट्र मंगेशकर परिवार के साथ है।” उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने लता को श्रद्धांजलि और संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी उनके दुख में शामिल हैं।
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