इस्माईल शेख
मुंबई- बांद्रा पूर्व की खेरवाड़ी पुलिस ने लैंगिक अपराध के फरार गुनहगार को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से धर दबोचा है। वहां बिना लोकल पुलिस की मदद से कैसे मुंबई पुलिस के लिए गांव के लोगो का सामना रहा आज हम इस पर भी प्रकाश डालने की कोशिश करते हैं।
लोग अपराध के बाद जमानत पर रिहा होते ही गायब होना बेहतर समझते हैं। लेकिन उन्हें क्या पता, मुंबई पुलिस पाताल में छिपे अपराधी को भी खींचकर ले आती है। ऐसा ही एक मामला खेरवाड़ी पुलिस थाने का सामने आ रहा है। खेरवाड़ी पुलिस 7 सालों से फरार आरोपी को गिरफ़्तार करने के लिए मुंबई से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जाकर तीन दिनों की बड़ी मशक्कत के बाद हाईवे रोड़ से धर दबोचा है और कोर्ट में पेश कर अब मुंबई वापस दुबारा हवालात का मजा चखाने लेकर आ रही है।
आप को बता, दें कि इस पूरे कार्रवाई में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला की लोकल पुलिस, मुंबई पुलिस की मदद करने के बजाय बस तमाशबीन बनी देखती रह गई। खेरवाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र पांडुरंग मौलिक ने बताया, कि सहायक पुलिस निरीक्षक अमित तिवारी, पुलिस सिपाही परदेशी और नजन को गिरफ्तारी का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने तीन दिनों की मशक्कत के बाद आखिरकार 22 मार्च को फरार आरोपी को हिरासत में लेकर जौनपुर के न्यायालय में पेश किया वहां से ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई के लिए रवाना हो गई है।
लैंगिक अपराध का गुनाहगार..
मिली जानकारी के मुताबिक, खेरवाड़ी पुलिस थाना गु.र.क्र.127/2017 में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 354, 354(अ) 366(अ), 376, 376(2)(एन) और 4, 5 एल, 8,12 लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत सोहेल हाशिम शेख की गिरफ़्तारी हुई थी। हाशिम पर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का आरोप लगा था। आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कोर्ट ने उसे जमानत पर शर्तों के आधार पर रिहा कर दिया।
जमानत मिलते ही हो गया गायब.. लैंगिक अपराध का गुनाहगार
रिहा होते ही हाशिम पहले मुंबई से फिर अपने गांव बक्शा से जैसे तैसे अपना पासपोर्ट बनाकर दुबई भाग गया। इसकी जानकारी पुलिस को नहीं थी। लेकिन मुंबई की अदालत पिछले 7 सालों से आरोपी का नाम पूकारती रही और पुलिस को गुनाहगार को हाज़िर करने का आदेश देती रही। आखिरकार विश्वासनीय सूत्रों के हवाले से आरोपी हाशिम के गांव बक्शा का पता चला तो जिला जौनपुर के लिए मुंबई से पुलिस टीम बनाकर गई और वहां के लोकल पुलिस से मदद मांगने गई, तो वहां उन्हें नजारा अलग ही मिला एक छोटा सा गांव था और पुलिस मदद करने को तैयार ही नहीं थी। वहां पुलिस थाने से मुंबई पुलिस को किसी भी तरह की मदद नहीं मिली।
लेकिन मुंबई पुलिस तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर परदेस निकला था और मुंबई पुलिस इतनी खुद्दार है, कि अपने काम को ही अपनी जीत समझती है और अपने कर्तव्यों के बदौलत कामयाबी हासिल करने में पीछे भी नहीं हटती। फिलहाल मुंबई से गई हूई पुलिस जौनपुर जिले के बक्सा गांव का अगले तीन दिनों तक आरोपी का पता लगाते हुए गांव का हर चप्पा छान मारा। सूचना मिली थी, कि आरोपी इस बार दुबई से अपने गांव बक्शा में आया हुआ है। लेकिन उसका पता लगाना मुश्किल हो रहा था। लैंगिक अपराध
मिली जानकारी के मुताबिक, 22 मार्च जौनपुर के लखनऊ जौनपुर हाइवे पर हाशिम नजर आया। वहीं हिरासत में लेकर पड़ताल की गई तो 24 वर्षीय फरार सोहेल हाशिम शेख इस वक्त पुलिस के कब्जे में था। आरोपी हासिल होने की मुंबई में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र पांडुरंग मौली को जानकारी देकर सहायक पुलिस निरीक्षक अमित तिवारी स्थानीय पुलिस को सूचित कर जौनपुर जिला मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। जहां से तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस मुंबई के लिए रवाना हो चूकी है।
पुलिस ने क्या कहा ?
खेरवाडी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र पांडुरंग मौली ने बताया, कि आरोपी को पहले कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां कोर्ट के फैसले के बाद इतने दिनों कहां और क्या करता रहा था, इसकी जांच के लिए न्यायालय से पुलिस कस्टडी की मांग की जाएगी। आप को फिर याद दिला दें कि लैंगिक अपराध का गुनहगार पिछले 7 सालों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था और फरियादी परिवार मूकदर्शक बना कानून से न्याय मांग रहा था। लैंगिक अपराध
खेरवाड़ी पुलिस की हद में रहने वाला अपराधी अचानक गायब हो गया। इसके साथ ही कोर्ट के अनुमति के बीना देश के बाहर रह रहा था। इसके पास देश से बाहर जाने के लिए पासपोर्ट कैसे बन गया, जब कि बिना पुलिस पड़ताल के पासपोर्ट बन ही नहीं सकता। अपराध के वक्त हाशिम महज़ 19 साल का था। इसके अलावा पुलिस को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले गांव बक्शा में टीम पर हमले का खतरा भी रहा, लेकिन खेरवाड़ी पुलिस के साथ मुंबई से गई पुलिस मित्र की टीम ने मौके पर काबू पा लिया। लैंगिक अपराध
ये साबित करता है, कि जौनपुर जिले का प्रशासन सो रहा है। तरक्की से बहोत ही ज्यादा पिछड़ा हुआ है। ये सिर्फ मुंबई पुलिस में वो बात है जो हर हालात से लड़कर अपने कर्तव्यों को पूरा करने में अपना अभिमान मानती है। पिछले कुछ दिनों से मुंबई पुलिस फरार आरोपीयों के खिलाफ धरपकड़ अभियान को तेज कर दिया है।
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