मुख्यमंत्री ने किया ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन, कहा- गुलामी की निशानी को हटा दिया।

Maharashtra News: ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में एक ब्रिज को समर्पित किया। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन कर इसकी जानकारी दी। Chief Minister inaugurated ‘Sindoor Bridge’ and said that the symbol of slavery has been removed.

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर में ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर एक ब्रिज का नाम रखा गया है। आज गुरुवार से ही आम जनता के लिए इसका आगाज कर दिया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन किया। इसके पहले यह ब्रिज कार्नैक ब्रिज के नाम से जाना जाता था। इस ब्रिज के उद्घाटन के मौके पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ‘सिंदूर ब्रिज’ के उद्घाटन के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, ‘आज बहुत खुशी की बात है कि मुंबई में ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि पुराना कार्नैक ब्रिज बहुत जर्जर हो गया था, इसलिए उसे तोड़ कर वहां एक नया ब्रिज बनाया गया है। ऐसे में उसे उसी पुराने नाम से उद्घाटन करना हमें गलत लगा। क्यों कि पुराना नाम ब्रिटिश शासन के गवर्नर को समर्पित किया गया था।’Chief Minister inaugurated ‘Sindoor Bridge’ and said that the symbol of slavery has been removed.

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हिन्दुस्तानियों पर अत्याचार

उन्होंने कहा, ‘ब्रिटिश गवर्नर जिसने हिंदुस्तानियों पर बहुत अत्याचार किया था, खासकर सतारा के प्रताप सिंह राजे और नागपुर के उद्धव राजे को अलग-अलग षड्यंत्र में फंसाने का प्रयास किया था। इतना ही नहीं, कई लोगों को जान से मारने का काम किया, इसलिए हमने अत्याचारी गवर्नर का नाम बदलकर सिंदूर का नाम देने का निर्णय लिया।’ उन्होंने आगे कहा, कि “हम सभी जानते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतवासियों के मन में बस गया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पहली बार अपनी ताकत को दिखाया और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को खत्म करने का काम किया।”

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स्वतंत्र भारत का अमृतकाल

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के बयानों को भी दोहराया, उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने बार-बार यह कहा है कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में गुलामियों की निशानी को मिटाकर हमें अपनी निशानियों को तरजीह देनी है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।’ बता दें कि यह पुल दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ता है। इस ब्रिज का नाम बंबई प्रांत के पूर्व गवर्नर जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर रखा गया था, जिसने 1839 से 1841 तक इस पद पर रहा। अब इस पुल का नाम बदलकर ‘सिंदूर ब्रिज’ कर दिया गया है।


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