इस्माईल शेख
मुंबई- (Air India) एयर इंडिया के विमान में कथित तौर पर अभद्र व्यवहार और धूम्रपान करने के आरोप में एक व्यक्ति को अदालत ने जेल भेजने का आदेश दिया है। इसके पहले आरोपी रत्नाकर द्विवेदी को कोर्ट ने 25 हजार रुपये के मुचकले पर रिहा करने का फैसला सूना दिया था। लेकिन आरोपी ने गूगल के हवाले से बहस कर दी और पहुंच गया जेल।
गूगल का हवाला.. Air India Aeroplan
आज कल गूगल बाबा को ही लोग सब कुछ समझने लग गए हैं। लोगों को लगता है, जो गूगल सर्च इंजिन बता रहा है वर्ड लेवल पर वही सच है। जब कि पता होना चाहिए, कि हमारे द्वारा दर्ज शब्दों को संग्रहित कर गूगल हमें जवाब प्रदान करता है। कभी सही तो कभी गलत भी हो सकता है।
एयर इंडिया (Air India) मामले में गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का) आरोप है। आरोपी 10 मार्च को एयर इंडिया की लंदन-मुंबई फ्लाइट के बाथरूम में धूम्रपान और अनियंत्रित व्यवहार करते हुए पकड़ा गया था। इसपर आसमान में उडती जहाज की खिड़की खोल कर लोगों की जिंदगी को खतरे में डालने का आरोप है। Aeroplan
आरोपी रत्नाकर द्विवेदी ने इस मामले में जमानत के लिए जज के फैसले पर 25 हजार रुपये का भुगतान करने से इनकार कर दिया। आरोपी ने कहा कि उसने गूगल करके पता लगया, कि आईपीसी की धारा के तहत देय जुर्माना 250 रुपये ही है। इसके लिए वह 25 हजार रुपये का भुगतान नहीं करेगा। Aeroplan
13 मार्च को सुनवाई के दौरान आरोपी रत्नाकर द्विवेदी ने कोर्ट से कहा, कि वह जेल जाने के लिए तैयार है। आरोपी ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत को बताया, कि उसने ऑनलाइन पढ़ा था कि आईपीसी की धारा 336 के तहत देय जुर्माना 250 रुपये है, जिसे वह देने को तैयार है, लेकिन जमानत राशि 25 हजार नहीं देगा। इसके बाद अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 13 मार्च को आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया। मुंबई पुलिस के अनुसार, आरोपी ने विमान में गड़बड़ी की थी और सभी यात्रियों के जीवन को खतरे में डाला दिया था। Aeroplan
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