इस्माइल शेख
मुंबई- मालाड़ के मालवनी इलाके का आधार पंजीकरण सेंटर ने एक 38 वर्षीय युवक को उसके शारिरीक दुर्बलता का कारण बताते हुए उसका आधार पंजीकरण करने से मना कर दिया, जब कि भारत के हर नागरिक को केंद्र सरकार द्वारा पारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है और हर भारतीय को अपना अाधार पहचान पत्र प्राप्त करना भी अनिवार्य है।
तो आधार पंजीकरण से किसी भारतीय को रोका कैसे जा सकता है इन्हीं सवालों का हल जानने के लिए हम शिकायतकर्ता के घर पहुंचे। मालाड़ मालवनी के एक आघार कार्ड सेंटर ने अपंग होने की वजह से उसका आधार पंजीकरण करने से मना कर दिया। हम पहुंचे और देखा कि, मालवनी गेट नंबर 6, एस.आर.ए. बिल्डिंग का 38 वर्षीय रहवासी योगेश रविंद्र कदम अपना आधार कार्ड पंजीकरण कराने के लिए मालवनी के गेट क्रमांक 7 के आधार कार्ड सेंटर गया था।
शिकायत है कि आधार पंजीकरण सैंटर पर मौजूद कर्मचारियों ने यह कहते हुए उन्हें निकाल दिया कि, आप का यहां पर आधार पंजीकरण नहीं किया जाएगा। परिजनों का मानना है कि “उन्हें अपंग होने की वजह से उनका पंजीकरण करने से इनकार कर दिया।”
उनका आधार पंजीकरण क्यूं रुका हुआ है इसकी पड़ताल में पाया कि, योगेश के परिवार में सभी का अपना आधार पहचान पत्र उनके पास है। पर योगेश के पास अपनी पहचान तक पंजीकृत नहीं है। उन्हें अपना खाता बैक में खुलवाना था पर आधार कार्ड नही होने के कारण उन्हें मना कर दिया गया और आधार सेंटर पर उनका पंजीकरण करने से इसलिए मना कर दिया क्यों की उनके पास फिज़ुल का वक्त नहीं है।
फिर भी अपनी जिंदगी जी रहे ऐसे कितने ही भारतीय होगें जो आज भी अपनी पहचान को पंजीकृत कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि ऐसे पंजीकरण की समस्या का समाधान करने के लिए सूचीबद्ध तरिके से कार्य किया जाना चाहिए जिससे हर भारतीय को अपनी पहचान दर्ज करवाने में कम समय लगे और जल्द ऐसे लोगों को इसका फायदा हो सके।
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