संवाददाता- चांदआलम
पालघर- पालघर जिले में बड़ी संख्या में कोली समाज के लोग रहते हैं। मछली पकड़ना इनका मुख्य व्यवसाय (Occupation) है। कई नाविक मछली पकड़ने (Fishing) के माध्यम से अपने परिवार का भरणपोषण करते हैं। कई नाविक मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में जाते हैं लेकिन इस बीच इन नाविकों को पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया है। एक माह पूर्व कुछ लोग ओखा पोर्ट में मछली पकड़ने वाली नाव पर रोजगार के लिए गए थे।
स्थानीय रोजगार उपलब्ध न होने के कारण पालघर में सैकड़ों स्थानीय रहवासी गुजरात की ओर रुख मोड़ रहे हैं।इनमें से कई परिवार के लोग अभी भी पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं। स्थानीय नागरिक इसपर मांग कर रहे हैं, कि ‘सरकार उन नाविकों को रिहा कराए जो अब पाकिस्तान की हिरासत में हैं और स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करें।’
इस कार्य में बॉर्डर के खतरे को महसूस करने के बावजूद, यहां कई परिवार के मुखिया रोजगार के लिए मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर नाविक के रूप में जाते हैं। वर्तमान में गिरफ्तारों के परिवार बहुत परेशानी में है क्योंकि परिवार के मुखिया को ही पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया है।
घर संभालने वाला मुखिया ही पाकिस्तान के कब्जे में होने की वजह से, घर और बच्चों का खर्च कैसे पूरा किया जाए, इसका गंभीर सवाल इनके परिवार की महिलाओं के सामने है। परिवार के लोग सदमे में है क्योंकि घर के पुरुषों को पाकिस्तान (Pakistan) ने अपने कब्जे में ले लिया है। पाकिस्तान द्वारा हिरासत में लिए गए नाविक दहानू इलाके के हैं। इन सात नाविकों के नाम हैं नवश्य भीमरा, विजय नागवंशी, सरित उंबरसाडा, जयराम साल्कर, कृष्णा बुजड, विनोद कोल, उधर्या पाड़वी। हालांकि यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
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