वानखेड़े के पिता को कोर्ट ने समझाया- आप का बेटा तो सरकारी अफसर है!

मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने वानखेड़े के पिता को कानूनी दायरे को समझाया। कहा, कि “आप का बेटा तो अफसर है!” उन्हें जवाब देना होगा। Sameer Wankhede Vs Nawab

नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई
– महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने बुधवार को कहा कि एनसीबी (NCB) के क्षेत्रीय (Zonal) निदेशक (Director) समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ‘सरकारी अधिकारी’ (government Officer) हैं और कोई भी उनके कामकाज की समीक्षा कर सकता है। समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक से 1.25 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि और वानखेड़े परिवार के खिलाफ भविष्य में कोई भी फर्जी या गलत टिप्पणी करने से रोकने के लिए स्थगनादेश मांगा है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता मलिक ने समीर वानखेड़े पर तमाम आरोप लगाए हैं जिनमें सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप भी शामिल है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ध्यानदेव वानखेड़े के अधिवक्ता अरशद शेख (Advocate Arshad Shaikh) ने सवाल किया कि समीर को ऐसे व्यक्ति को स्पष्टीकरण क्यों देना चाहिए जो “सिर्फ एक विधायक (MLA) है कोई अदालत (Court) नहीं।” इस पर न्यायमूर्ति माधव जामदार (Judge Madhav jaamdaar) ने कहा, कि “आप सरकारी अधिकारी हैं। आपको सिर्फ इतना साबित करना है कि ट्वीट (मलिक द्वारा किए गए ट्वीट) पहली नजर में गलत हैं। आपके पुत्र सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह एक सरकारी अधिकारी (Government Officer) हैं और जनता का कोई भी सदस्य उनकी समीक्षा कर सकता है।”

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क्या बोले मलिक के वकील ?

वहीं दूसरी ओर अदालत (Court) ने मलिक के वकील अतुल दामले (Advocate Atul Damle) से सवाल किया, “क्या जमा करने से पहले दस्तावेजों का सत्यापन करना आपकी जिम्मेदारी नहीं है? क्या आपने एक जिम्मेदारी नागरिक और राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता होने के नाते दस्तावेजों का सत्यापन किया?” मलिक के आरोप झूठ हैं यह साबित करने के लिए अतिरिक्त हलफनामा दायर करने के लिए वानखेड़े के वकील ने और समय मांगा है।

12 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

अदालत (Court) ने उन्हें शुक्रवार (Friday) तक का समय दिया और राकांपा (NCP) नेता के वकील (Advocate) से इस संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा, कि उन्होंने ट्विटर (Twitter) पर पोस्ट करने से पहले (समीर वानखेड़े के निजी विवरण वाले) दस्तावेजों का सत्यापन किया था। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 नवंबर (November) की तारीख तय की है।


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