विशेष संवाददाता
मुंबई- केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने सोमवार को मुंबई हाई कोर्ट को बताया कि “महाराष्ट्र सरकार राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच में एजेंसी का सहयोग नहीं कर रही है।” महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भ्रष्टाचार और पुलिस महकमें से वसूली के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
मुंबई हाई कोर्ट में CBI की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि “मुंबई हाई कोर्ट के पिछले आदेश के बाद शुरू की गई जांच, से पूरे राज्य प्रशासन की सफाई करने का मौका था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग करने से इनकार कर रही है।”
आप को बता दें कि महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने कोर्ट में CBI द्वारा जांच के तरीके पर सवाल खड़ा कर दिया है और दूसरी तरफ CBI राज्य सरकार द्वारा जांच में सहयोग नही किए जाने के आरोप लगा रही है। CBI की तरफ से जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार द्वारा लगाए गए इन आरोपों से इनकार किया कि “जांच में पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की बहाली और मुंबई पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती में देशमुख के अनुचित हस्तक्षेप के मुद्दों को शामिल करके मुंबई हाईकोर्ट के आदेश से बाहर जा रही है।”
अवैध फोन टैपिंग
जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रफीक दादा द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया। महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता रफीक दादा ने कोर्ट को बताया, कि “CBI अवैध फोन टैपिंग और पुलिस तैनाती से संबंधित संवेदनशील दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने के मामले में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ जांच में पिछले दरवाजे से प्रवेश पाने के लिए देशमुख के खिलाफ चल रही जांच का इस्तेमाल कर रही है।”
CBI से जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश एस.एस. शिंदे और न्यायाधीश एन.जे. जामदार की बैंच के समक्ष एप्लिकेशन दिया है, जो इस साल की शुरुआत में देशमुख के खिलाफ CBI द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. से दो पैराग्राफ को हटाने का आग्रह करने वाली महाराष्ट्र सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। सीबीआई देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और वसूली के आरोपों की जांच कर रही है। यह आरोप मुंबई के पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने लगाए हैं।
CBI को निर्देश
मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली बैंच ने अप्रैल में CBI को निर्देश दिया था, कि वह मुंबई के एक थाने में वकील जयश्री पाटिल की ओर से दर्ज कराई गई एक आपराधिक शिकायत के आधार पर देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू करे। आप को अधिक जानकारी देते हुए बता दें, कि अदालत के आदेश के बाद देशमुख ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वकील जयश्री पाटिल ने मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर उनकी ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर कार्रवाई की गुजारिश की थी।
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