- 15वें वित्त आयोग की 25 प्रतिशत एवं सेकेंडरी मिनरल फंड की रकम स्वास्थ्य पर खर्च की स्वीकृति
- राज्य के अस्पतालों का ऑक्सीजन, इलेक्ट्रिक, फायर ऑडिट जल्द किए जाने के निर्देश
- महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत म्यूकोसल माइकोसिस का इलाज करने वाले 131 अस्पतालों की सूची प्रकाशित करने के निर्देश।
- म्यूकोसल माइकोसिस वाले रोगियों की संख्या पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश
- कोरोना तथा म्यूकोसल माइकोसिस के इलाज के लिए निधी कम नहीं होने देंगे- उपमुख्यमंत्री अजित पवार
नितिन तोरस्कर
मुंबई- महाराष्ट्र में कोरोना के साथ-साथ वायरस की तीसरी लहर की तैयारी में प्रशासन मुस्तैदी के साथ काम कर रहा है! वहीं राज्य के मंत्रालय में मंगलवार 25 मई 2021, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक बैठक का आयोजन कर कई बड़े फैसलों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं!
अधिकारियों को निर्देश
बैठक के दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, कि “प्रदेश में कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कोरोना संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेशन की बजाय संस्थागत आइसोलेशन पर जोर देते हुए उच्च जोखिम, कम जोखिम वाले व्यक्तियों की कोरोना संक्रमण की जांच पर जोर दिया जाए। महात्मा ज्योतिराव फुले जनआरोग्य योजना के तहत म्यूकोसल माइकोसिस के लिए मुफ्त उपचार प्रदान करने वाले 131 अस्पतालों की सूची प्रकाशित की जाए।” कोरोना की लड़ाई को मजबूत करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज 15वें वित्त आयोग से 25 प्रतिशत राशि के साथ-साथ सेकेंडरी मिनरल फंड को स्वास्थ्य व्यय के लिए स्वीकृत कर प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन, बिजली और फायर ऑडिट कराने के निर्देश दिए है!
प्रदेश में कोरोना और म्यूकस माइकोसिस सहित स्थिति की समीक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय के उपमुख्यमंत्री कार्यालय समिति कक्ष में मंगलवार को समीक्षा बैठक हुई! मौके पर स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती, राहत एवं पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव असीम कुमार गुप्ता, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव सौरभ विजय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आयुक्त रामास्वामी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त परिमल सिंह, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने, कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. सभाष साळुंखे सहित प्रदेश के सभी विभागीय आयुक्त एवं नगर निगम आयुक्त और जिला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए उपस्थित थे!
संस्थागत अलगाव
वायरस की स्थिति पर और अधिक तरीके से काबू पाने के लिए, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, कि “राज्य के शहरी इलाकों में जहां कोरोना संक्रमण कम हो रहा है, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह बढ़ रहा है! ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कोरोना पीड़ितों के होम आइसोलेशन के बजाय संस्थागत अलगाव पर जोर दिया जाए। जिन गांवों में कोरोना वायरस की संख्या ज्यादा है, वहां व्यापक जांच की जाए। साथ ही कोरोना टेस्ट में तेजी लाने के लिए आशा स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित और परीक्षण किया जाना चाहिए। ग्राम सतर्कता समितियों को और अधिक कुशल बनाया जाना चाहिए। जिले में जहां सख्त पाबंदियां हैं, वहां खरीफ सीजन की पृष्ठभूमि में किसानों की सुविधा मुताबिक, बीज, खाद, कृषि उपकरणों की दुकानें खुली रखने की योजना बनाऐ!”
दवाएं विकसित की जाएंगी
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया, कि “पहले चरण में म्यूकर माइकोसिस के निदान के तुरंत बाद दवा शुरू कर दी जाए तो रोग ठीक हो जाता है। इसलिए पहले चरण में इन मरीजों का इलाज शुरू कर देना चाहिए, ताकि इस बीमारी के कारण किसी की जान न जाए। चूंकि म्यूकोसल म्यूकोसल दवाओं का नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथों में होता है, इसलिए प्रत्येक जिले को पोर्टल पर म्यूकोसल रोगियों की वास्तविक संख्या पंजीकरण एवं समय-समय पर अपडेट करना चाहिए। इसी के मुताबिक हमें केंद्र से दवाएं मिलने वाली है। हाफकिन इंस्टीट्यूट के माध्यम से कुछ हद तक, म्यूकोसल माइकोसिस के लिए दवाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही यह दवाएं ग्लोबल टेंडर्स के जरिए हमें उपलब्ध होने वाली है, ताकि अगले महीने इन दवाओं की उपलब्धता में कुछ हद तक सुधार किया जा सके।” हालांकि, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जिला प्रशासन के माध्यम से रेमेडिसविर के साथ-साथ इन दवाओं को ठीक से और प्रभावी ढंग से वितरित करने के निर्देश दिए हैं!
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया है! साथ ही बच्चों के इलाज की अलग से व्यवस्था और बाल रोग विशेषज्ञों की टीम बनाकर तैयारी रखने के निर्देश। प्रदेश में जारी ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण में तेजी लाने को कहा। साथ ही राज्य के हर अस्पताल में ऑक्सीजन के समुचित उपयोग की योजना बनाने पर भी जोर दिया गया। साथ ही निजी अस्पताल में मरीजों के बिलों की जांच के लिए एक ऑडिटर की नियुक्ति किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा, कि “इस फैसले से हर मरीज के बिल की जांच की जा सकेगी!”
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