मालाड में विकास कार्य बना सिरदर्द, लोगों की बढ़ी मुश्किलें

मालाड में चल रहे बीएमसी के विकास प्रोजेक्ट से लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पुल, सड़क चौड़ीकरण और निर्माण कार्यों से ट्रैफिक जाम और धूल-मिट्टी से नागरिकों का जीना मुश्किल हुआ। करोड़ों के प्रोजेक्ट के बावजूद सुविधाओं की जगह बढ़ी दिक्कतें।

मुंबई: मालाड इलाके में चल रही कई विकास परियोजनाएं अब स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन चुकी हैं। सड़कों की खुदाई, अधूरे पुल और धूल-मिट्टी के बीच नागरिकों का रोजमर्रा का जीवन कठिन हो गया है। बीएमसी ने यातायात सुधारने और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 2,200 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए हैं, लेकिन काम की धीमी रफ्तार और खराब प्लानिंग से जनता नाराज़ है।

🏗️ एक साथ कई प्रोजेक्ट, जनता बेहाल

मालाड पश्चिम में इस समय कई बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चल रहे हैं — जिनमें नए पुलों का निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, और पुराने ब्रिज का पुनर्निर्माण शामिल है।
बीएमसी का दावा है कि ये काम मुंबई के पश्चिमी उपनगरों की ट्रैफिक समस्या को कम करेंगे, लेकिन फिलहाल इसका उल्टा असर दिख रहा है। कई जगहों पर ट्रैफिक जाम, रास्तों की खुदाई और डाइवर्जन के चलते यात्रियों को रोज घंटों की देरी झेलनी पड़ रही है।

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🌉 लगून रोड पुल: बड़ा सपना, बड़ी मुसीबत

मालाड-पश्चिम में इंफिनिटी मॉल से अंधेरी तक के मालवनी कच्चा रोड़ यानी लगून रोड को जोड़ने के लिए एक केबल-स्टेयड वाहन पुल बनाया जा रहा है।
इसकी लागत लगभग ₹1,700 करोड़ और लंबाई 380 मीटर है।
बीएमसी का कहना है कि इससे लिंक रोड और एस.वी. रोड का ट्रैफिक कम होगा, मगर स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुल के काम ने रोजमर्रा की ज़िंदगी को मुश्किल बना दिया है।

🏞️ रामचंद्र लेन नाले पर एलिवेटेड रोड का काम अटका

रामचंद्र लेन नाले के ऊपर बन रही एलिवेटेड रोड जो रायन इंटरनेशनल स्कूल से एमडीपी रोड को जोड़ेगी, फिलहाल अधर में लटकी है।
करीब ₹400 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट से एवरशाइन नगर और अथर्व कॉलेज के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होने की उम्मीद थी, मगर लोगों का कहना है कि “काम चल रहा है, लेकिन खत्म होने का कोई टाइम नहीं दिखता।”

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🛣️ तटीय सड़क और चौड़ीकरण कार्य से बढ़ी दिक्कतें

तटीय सड़क (Coastal Road) से जोड़ने के लिए मार्वे रोड पर नया लिंक बनाया जा रहा है।
साथ ही मालाड-मार्वे रोड को महाकाली जंक्शन से चारकोप नाका तक चौड़ा किया जा रहा है, लेकिन महीनों से ये काम अधूरा पड़ा है।
पुराने पुलों को गिराकर नए बनाने की योजना ने भी स्थानीय नागरिकों की नींद उड़ा दी है।

🏚️ दुकानदारों का विरोध और नागरिकों की नाराज़गी

नवंबर 2022 में एसवी रोड पर पुल बंद करने की मनपा की योजना के खिलाफ दुकानदारों ने विरोध किया था।
उनका कहना था कि अचानक नोटिस देकर कुछ ही दिनों में दुकानें खाली करने को कहा गया, जिससे कई व्यापारियों का रोज़गार खतरे में पड़ गया।
स्थानीय निवासी सुखदेव सिंह ने कहा —

“हर बार मनपा विकास का नाम लेकर सड़कें खोद देती है, लेकिन काम कभी टाइम पर पूरा नहीं होता। अच्छी-भली सड़कों को तोड़कर लोगों को परेशान किया जा रहा है।”

⚙️ परियोजना 2028 तक पूरी करने का लक्ष्य

बीएमसी ने इन सभी प्रोजेक्ट्स को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन शहर के अनुभव बताते हैं कि शायद ही कोई प्रोजेक्ट समय पर पूरा हुआ हो।
लोगों का कहना है कि ‘टेंडर तो पास हो जाते हैं, लेकिन काम जनता को राहत नहीं देते।’


FAQ सेक्शन

Q1. मालाड में कौन-कौन से बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं?
👉 मालवनी लगून रोड पुल, रामचंद्र लेन नाले पर एलिवेटेड रोड, तटीय सड़क लिंक और मालाड-मार्वे रोड चौड़ीकरण जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
Q2. बीएमसी ने इन प्रोजेक्ट्स पर कितना खर्च तय किया है?
👉 लगभग ₹2,200 करोड़ का टेंडर जारी किया गया है।
Q3. क्या इन प्रोजेक्ट्स से ट्रैफिक समस्या कम होगी?
👉 फिलहाल उल्टा असर दिख रहा है। निर्माण कार्यों से सड़कों पर भारी ट्रैफिक और नागरिकों को असुविधा हो रही है।
Q4. प्रोजेक्ट कब तक पूरे होंगे?
👉 बीएमसी का लक्ष्य 2028 तक पूरा करने का है, लेकिन लोगों को देरी की चिंता है।


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