मुंबई के सहार पुलिस ने एक एजेंट के खिलाफ FIR दर्ज की है जिसने रिटायर्ड नेवी चीफ पेटी ऑफिसर राकेश कुमार यादव को फर्जी दुबई नौकरी का झांसा दिया। आरोपी ने उन्हें नकली अपॉइंटमेंट लेटर और फ्लाइट टिकट दी, जिसे एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने फर्जी बताया।
मुंबई: एक बार फिर ओवरसीज जॉब फ्रॉड का मामला सामने आया है।
सहार पुलिस स्टेशन ने विनायक कोली नाम के एक एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसने रिटायर्ड नेवी चीफ पेटी ऑफिसर राकेश कुमार यादव (56) को फर्जी दुबई नौकरी का झांसा देकर ठगने की कोशिश की।
यह मामला न सिर्फ विदेश नौकरी ठगी गिरोह का पर्दाफाश करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ठग कैसे भरोसे के रिश्तों का इस्तेमाल करते हैं।
नाइजीरिया में पुराने साथी से हुई दोबारा मुलाकात
राकेश यादव, जिन्होंने 2008 में नेवी से रिटायरमेंट लिया था, बाद में एक सीमैन (Seaman) के तौर पर कई देशों में काम कर चुके हैं।
2021 में नाइजीरिया में काम के दौरान उनकी मुलाकात विनायक कोली से हुई थी। तब दोनों एक ही कंपनी में कार्यरत थे।
कुछ साल बाद, अगस्त 2025 में जब यादव नई नौकरी की तलाश कर रहे थे, उन्होंने व्हाट्सएप पर एक इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर (ETO) के लिए पोस्ट देखी।
जांच करने पर पता चला कि वही नंबर उनके पुराने साथी विनायक कोली का है।
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‘दुबई की जॉब पक्की है’ — झांसे में आया अफसर
कोली ने यादव को भरोसा दिलाया कि वह उन्हें प्रयाती शिपिंग कंपनी (Prayati Shipping Co.) में नौकरी दिला सकता है।
उसने राकेश यादव से सभी डॉक्युमेंट्स मांगे, और 9 अक्टूबर को ऑफर लेटर, इनविटेशन लेटर और मुंबई से दुबई की फ्लाइट टिकट दे दी।
उत्साहित यादव अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को एयरपोर्ट पहुंच गए।
एयरपोर्ट पर खुली पोल — निकला पूरा खेल फर्जी
जब यादव ने एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों को डॉक्युमेंट्स दिखाए, तो ऑफिसर्स को शक हुआ।
जांच में पता चला कि ऑफर लेटर फर्जी है, और जिस कंपनी के नाम पर जॉब ऑफर दिया गया था, वह असली नहीं है।
संपूर्ण जांच के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
सहार पुलिस ने की कार्रवाई
सहार पुलिस ने विनायक कोली के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज (FIR) किया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने विश्वास का फायदा उठाकर रिटायर्ड अफसर से दस्तावेज हासिल किए और फर्जी नौकरी का झांसा दिया।
अब पुलिस कोली की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
पुलिस की अपील — “विदेश नौकरी के नाम पर तुरंत पैसे या डॉक्युमेंट न दें”
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि ओवरसीज जॉब के नाम पर किसी एजेंट को डॉक्युमेंट या पैसे देने से पहले पूरी तरह वेरिफाई करें।
सिर्फ सरकारी मान्यता प्राप्त रिक्रूटमेंट एजेंसियों पर भरोसा करें।
FAQ सेक्शन
Q1. मामला कब और कहाँ दर्ज हुआ?
मामला 10 अक्टूबर 2025 को मुंबई के सहार पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।
Q2. आरोपी कौन है?
आरोपी का नाम विनायक कोली है, जो खुद को मैनपावर एजेंट बताता है।
Q3. पीड़ित कौन हैं?
पीड़ित राकेश कुमार यादव, उम्र 56 वर्ष, जो 2008 में नेवी से सेवानिवृत्त हुए थे।
Q4. पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी (Cheating) का मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
Q5. यह ठगी कैसे पकड़ी गई?
जब पीड़ित एयरपोर्ट पहुंचा, तो इमिग्रेशन अधिकारियों ने दस्तावेजों को संदिग्ध पाया। जांच के बाद ऑफर लेटर फर्जी निकला।
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